देहरादून: पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड सभागार में दिनांक 01.06.2017 से दिनांक 30.06.2017 तक चलाये जाने वाले ऑपरेशन स्माइल के सम्बन्ध में एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय वर्कशाप का आयोजन किया गया जिसका शुभारम्भ श्री एम0ए0गणपति पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा किया गया। श्री गणपति द्वारा समस्त जनपदों के नोडल अधिकारियों व टीम प्रभारियों को ऑपरेशन स्माइल में पंजीकृत बच्चों को ज्यादा से ज्यादा बरामद कर उनके परिजनों के सुपुर्द किये जाने हेतु निर्देशित करते हुये कहा की इस अभियान की सफलता से जनता के मध्य उत्तराखण्ड पुलिस की छवि बेहतर होगी।
उक्त वर्कशाप का संचालन श्रीमती शाहजहाँ जावेद खान अपर पुलिस अधीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था द्वारा किया गया। श्रीमती शाहजहाँ जावेद खान द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश में 30 अप्रैल 2017 गुमशुदा बच्चों की संख्या 418 है जिनकी तलाश हेतु 27 टीमों का गठन किया गया है जिसमें कुल 164 पुलिस कर्मी को नियुक्त किया गया है।
श्री राम सिंह मीना, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड द्वारा समस्त टीमों को बताया गया कि सर्वप्रथम गुमशुदा बच्चों के घर जाकर उनका सत्यापन कर पता लगाया जाये कि कितने बच्चे घर वापस आ गये हैं। बालगृह व सम्प्रेक्षण गृह में रहने वाले बच्चों का सत्यापन कर उन्हें उनके परिजनों से मिलाये जाने हेतु तथा एन0जी0ओ0 से समन्वय स्थापित कर उनके पास रह रहे बच्चों का सत्यापन कर बच्चों को उनके घर पहुंचाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाये।
श्री अनन्त राम चौहान, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा बताया गया कि ऐसे बच्चे जिनके परिजनों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त न हो पाये तो यदि सम्भव हो तो उनका डी0एन0ए0 सैम्पल लिया जाये तथा यदि कोई व्यक्ति बच्चे के सम्बन्ध में अपना अधिकार व्यक्त करता है तो उसका डी0एन0ए0 परीक्षण अवश्य करा लिया जाये। ऑपरेशन स्माइल में पंजीकृत गुमशुदा बच्चों को ज्यादा से ज्यादा बरामद करने पर ध्यान दिया जाये।
उक्त वर्कशाप में श्री विनित कुमार, उपजिलाधिकारी देहरादून, श्री सुधीर भट्ट, सदस्य बाल कल्याण समिति देहरादून, श्री जे0एस0 बिष्ट, संयुक्त निदेशक विधि देहरादून, अदिति कौर, अध्यक्ष चाईल्ड हेल्प लाईन, श्रीमती सुनीता सिंह, अधीक्षिका, बाल शिशु निकेतन देहरादून, किरन उल्फत गोयल, अध्यक्ष नन्ही दुनिया, रेखा कार्यक्रम अधिकारी महिला कल्याण विभाग।द्वारा भी प्रतिभाग किया गया तथा बच्चों के सम्बन्ध में प्रचलित नियम व कानून की जानकारी दी गयी तथा अपने अनुभव साझा किये गये।