नई दिल्ली: पूर्वोत्तंर विकास (स्व तंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्षविभाग में राज्यरमंत्री डॉ. जितेन्द्रम सिंह ने कहा है कि पूर्वोत्त र राज्यय अन्यम राज्यों का प्रशस्तर कर सकते हैं। उन्होंमने कहा कि पूर्वोत्तदर द्वारा की गई पहल और सफल अनुभव से दूसरे पर्वतीय राज्योंा- जम्मूर कश्मी र, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को नया आयाम मिल सकता है। कल आईजोल में मिजोरम विश्वंविद्यालय में तीन दिवसीय, सतत पर्वतीय विकास सम्मेपलन को सम्बो्धित करते हुए डॉ. जितेन्द्रय सिंह ने कहा कि भारत के अन्यव राज्योंर को पूर्वोत्तबर राज्योंआ से सीख लेनी चाहिए। उन्होंोने कहा कि इस संदर्भ में मिजोरम का उदाहरण दिया जा सकता है, जहां यह सम्मेोलन आयोजित किया गया है। डॉ. जितेन्द्रं सिंह ने कहा कि एक छोटा राज्या होने के बावजूद जिसके गठन को सिर्फ 30 वर्ष हुए हैं और जिसकी जनसंख्यार मात्र 10 लाख से अधिक है। ऐसे मिजोरम राज्यठ में साक्षरता की दर बहुत अधिक है। यह दर केरल के बाद सर्वाधिक है। उन्हों ने यह भी बताया कि मिजोरम में चार पर्वतीय जिलों में राज्यक की 50 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। यहां न्यूय लैंड यूज पॉलिसी सफलतापूर्वक आरंभ की गई है। इसके तहत किसानों को वैकल्पिक भूमि प्रदान की गई है, जहां वे अन्यई व्या वसायिक गतिविधियां जैसे –बागवानी, रेश्मं कीट पालन, बांस की खेती आदि सफलतापूर्वक कर रहे हैं। उन्हों्ने नई आर्थिक विकास नीति आरंभ करने के लिए भी मिजोरम की सराहना की।
डॉ. जितेन्द्रb सिंह ने कहा कि जल्दा ही पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में हैलिकाप्ट्र, एयर क्लिनिक सुविधा मुहैया कराई जाएगी, जिसमें ओपीडी की सुविधा भी होगी। यह देश में अपनी तरह का पहला स्वाटस्य्ा देखभाल का अनुभव होगा, जो पूर्वोत्तसर राज्योंा में आरंभ किया जाएगा। उन्होंहने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीकर जैसे राज्यों के लिए भी इस सेवा को शुरू किया जाएगा।