किसी भी बेटे के लिए उसके पिता हमेशा ही प्रेरणा का स्त्रोत होते हैं। एक बेटा हमेशा अपने पिता की तरह बनना चाहता है। क्रिकेट की दुनिया में भी बहुत सारे ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके बेटे भी पिता की राह पर चल पड़े हैं। इनमें से एक नाम है पूर्व क्रिकेटर और विकेटकीपर बल्लेबाज़ नयन मोंगिया के बेटे मोहित मोंगिया का। बड़ौदा की अंडर-19 टीम से खेलने वाले इस युवा खिलाड़ी के सितारे सातवें आसमान पर हैं। कूच बिहार ट्रॉफी में अपने बल्ले की धाक जमाने वाले खिलाड़ी ने आज से 30 वर्ष पूर्व अपने ही पिता के रिकॉर्ड को धवस्त करने का कारनामा कर दिखाया है।
कूच बिहार ट्रॉफी के दौरान मोहित ने मुंबई के खिलाफ 246 गेंदों में नाबाद 240 रनों की पारी खेली। यह बड़ौदा और कूच बिहार ट्रॉफी में किसी बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर है। इससे पहले नयन मोंगिया ने 1988 में केरल के खिलाफ 224 रन बनाकर नया कीर्तिमान बनाया था जिसे उनके ही बेटे ने तोड़ दिया।
कूच बिहार ट्रॉफी के इस मुकाबले में केरल ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 370 रन बनाए थे। मोहित के दोहरे शतक की बदौलत बड़ौदा ने दिन का खेल खत्म होने तक 7 विकेट पर 409 रन बना लिए थे, मोहित नाबाद लौटे।
अपने बेटे की इस कामयाबी पर नयन मोंगिया की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने कहा, ”मैं बहुत खुश हूं कि मेरे बेटे ने इस रिकॉर्ड को तोड़ा है। मोहित शानदार खेल रहा है और वह इस रिकॉर्ड के योग्य भी है।’
मोंगिया ने आगे कहा कि इस उपलब्धि के बाद ‘ मोहित ने मुझे कॉल करके जानकारी दी और वह काफी खुश था। भारत के लिए 44 टेस्ट और 140 वनडे खेल चुकें नयन मोंगिया ने कहा कि हालांकि उसे दोहरा शतक से केवल संतुष्ठ नहीं होना चाहिए।
बता दें कि कुछ दिन पहले मोहित ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि ‘ मैं अपने पिता की तरह विकेटकीपर नहीं बनना चाहता क्योंकि मुझे पिता ने कहा था कि एक विकेटकीपर की बहुत कद्र नहीं होती।