लखनऊ: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 30वीं पुण्यतिथि आज समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में मनाई गई। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने चौधरी साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने संकल्प दिलाया कि चैधरी साहब के रास्ते पर चलकर निष्ठा और ईमानदारी के साथ जनता की सेवा में तत्पर रहेंगे। इस अवसर पर पूर्वमंत्री श्री राजेंद्र चौधरी, एसआरएस यादव, तथा कार्यालय प्रभारी श्री अरविन्द कुमार सिंह एमएलसी भी मौजूद थे।
पूर्व मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हितों के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। समाजवादी पार्टी उनके बताए रास्ते पर चलती रही हैं। अखिलेश यादव सरकार ने अपने कार्यकाल में बजट का 75 प्रतिशत गांव-किसान के मद में खर्च किया। कृषि अर्थ व्यवस्था को मजबूत किया। इसके अतिरिक्त कृषि की तरक्की, कर्जमाफी, मुफ्त सिंचाई, किसान बीमा, आपदा मुआवजा, मंडी निर्माण, खाद-बीज की समय से उपलब्धता की व्यवस्था की। गन्ना किसानों को बकाया भुगतान कराया, नौजवानों को रोजगार दिया तथा सड़क-पुल और शिक्षा -स्वास्थ्य के क्षेत्र में तमाम योजनाएं लागू की जिनसे ग्रामीण समाज का हर वर्ग लाभान्वित हुआ।
चौधरी साहब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्री अखिलेश यादव ने कहा कि वे महान देशभक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा कुशल प्रषासक थे। सामाजिक उद्देश्य के प्रति उनके समर्पण तथा सामाजिक न्याय में निष्ठा के कारण ही वे लोगों के सम्मान एवं स्नेह के पात्र बने। उन्होंने ग्रामीण जीवन की खुशहाली के लिए अनेक योजनाएं लागू की। जमींदारी उन्मूलन में उनका विशेष योगदान था। वे गांव-गांव में छोटे उद्योग लगाने के हिमायती थे। उनका कहना था कि बड़े उद्योगों से सामाजिक और आर्थिक विषमता बढ़ेगी।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकारों ने जाति और संप्रदाय की दीवारें खड़ी कर जनता को उलझाने का काम किया है। अपराध नियंत्रण में पूरी तरह नाकामी रही है। जनता मंहगाई, बेरोजगारी से ग्रस्त है। किसान सबसे ज्यादा बेहाल है। हर रोज किसान आत्महत्या कर रहे हैं। भाजपा की नीतियां इसके लिए दोषी हैं क्योंकि वे पूंजीघरानों की हित पोषक हैं। गरीबों और कमजोर वर्ग के लिए भाजपा सरकारें संवेदनशील नहीं है। भाजपा का यह चरित्र चैधरी चरण सिंह जी की विचारधारा के विरूद्ध है।
इस कार्यक्रम में सर्वश्री मुकेश शुक्ल, ऋचा सिंह, आदिल हमजा, शमीम कौसर सिद्दीकी, जयसिंह जयंत, इम्तयाज अंसारी, राजकुमार प्रजापति, सुलेमान आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।