लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष सहित सभी चारों निर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई दी है। उन्होंने नौजवानों की जीत को समाजवादी विधाराधारा और धर्मनिरपेक्षता की जीत बताया हैं। इस जीत का यह संदेश भी जाता है कि छात्रों के हितों की अनेदखी नहीं की जा सकती है। भाजपा सरकार की नीतियों के कारण छात्र-नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ से भारी आक्रोश है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में समाजवादी छात्रसभा के श्री अवनीश यादव अध्यक्ष, श्री चंद्रशेखर चैधरी, उपाध्यक्ष, श्री भरत सिंह उपमंत्री, श्री अवधेश पटेल सांस्कृतिक मंत्री भारी मतों से जीते हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को इन चुनावों में करारी हार मिली है। केवल इलाहाबाद में ही नहीं दिल्ली के जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अलावा कई अन्य राज्येां में भी भाजपा की छात्र-युवा विरोधी राजनीति का तीखा विरोध हुआ है। नौजवानों को दो करोड़ नौकरियां देने और सस्ती शिक्षा व्यवस्था का प्रलोभन देकर भाजपा ने उनका समर्थन हासिल किया था। भाजपा के अन्य वादों की तरह युवाओं से किया वादा भी हवाहवाई साबित हुआ है। नौजवानों के इस मोहभंग के फलास्वरूप ही छात्रसंघों से भाजपा के छात्र संगठन विद्यार्थी परिषद का हुआ है। पिछले दिनों बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्राओं से छेडखानी के मामले में विद्यार्थी परिषद के नौजवानों ने जो अभद्रता की थी उसकी चारों ओर निंदा हुई है।
श्री अखिलेश यादव का मानना है कि 1942 के आजादी के आंदोलन से लेकर डा0 लोहिया और लोकनायक जयप्रकाश नारायण का युवा नेतृत्व परिवर्तन के लिए प्रेरणा रहा है। सम्पूर्ण क्रांति के लिए आपात काल का विरोध भी नौजवानों ने ही किया था। उन्होंने कहा कि उनका भरोसा नौजवानों पर है। अन्याय और शोषण के विरूद्ध युवा शक्ति ही लोकतंत्र विरोधी एवं सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वालों को परास्त करने में सक्षम है। समाजवादी रास्ते पर चल कर ही आर्थिक विषमता और सामाजिक गैरबराबरी दूर हो सकती है।
समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चैधरी ने कहा है कि श्री अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में नौजवानों के हित की कई योजनाएं लागू की थी। छात्र-छात्राओं को लैपटाप वितरण, कन्याविद्याधन योजना, बेरोजगारी भत्ता के अतिरिक्त कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से समाजवादी सरकार ने नौजवानों को आगे बढ़ाने का काम किया था। प्राइमरी से लेकर डिग्री स्तर तक सस्ती शिक्षा की व्यवस्था की थी। श्री अखिलेश यादव की सरकार ने ही सबसे ज्यादा नौकरियों में भर्ती की। वस्तुतः श्री अखिलेश यादव युवाओं के बीच अपनी बेदाग छवि तथा उपलब्धियों की वजह से अत्यंत लोकप्रिय है और नौजवान उन्हें अनुकरणीय नेता (आईकान) मानते हैं। श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में नौजवान भाजपा से मुक्ति का रास्ता बनाने में अवश्य सफल होंगे।