16.3 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय जनवरी 2018 में ‘डीप ओशन मिशन’ का शुभारंभ करेगा

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय जनवरी 2018 में ‘डीप ओशन मिशन’ का शुभारंभ करने के लिए तैयार है। यह मिशन समुद्र अनुसंधान क्षेत्र में भारत की वर्तमान स्थिति को बेहतर करेगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव श्री एम. राजीवन ने आज इस मिशन को शुरू करने की घोषणा की। श्री राजीवन ने राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए संबोधन के दौरान इस मिशन को शुरू करने की घोषणा की। भारत के अग्रणी निवेशक के दर्जे के तीन दशक – उपलब्धियां एवं आगे का रास्ता विषय पर आयोजित कार्यशाला में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की स्थायी समिति के सदस्य श्री एम एस नागर, राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. वीएसएन मूर्थि भी मौजूद थे। इस अवसर पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव श्री राजीवन ने कहा कि भारत ने समुद्र अनुसंधान के क्षेत्र में काफी उपलब्धि हासिल कर ली है, मगर अभी भी इस दिशा में एक लंबी दूरी तय करना बाकी है।

भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसे गहरे समुद्र में खनन अन्वेषण के लिए पर्याप्त क्षेत्र दिया गया था। वर्ष 1987  में भारत को केन्द्रीय हिन्द महासागर बेसिन में पॉलिमेटालिक नोड्यूल्स में अन्वेषण का मौका मिला था।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय पॉलिमेटालिक मोड्यूल कार्यक्रम के अंतर्गत नोड्यूल खनन के लिए सीएसआईआर-एनआईओ द्वारा पर्यावरण प्रभाव आकलन अध्ययन, सीएसआईआर-नेशनल मेटालर्जिकल लैबोरेट्री और सीएसआईआर- खनिज एवं धातु प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा धातु निष्कर्षण प्रक्रिया विकास और राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा खनन प्रौद्योगिकी विकास अध्ययन किया गया। संसाधन मूल्यांकन के आधार पर, भारत के पास लगभग 100 मिलियन टन सामरिक धातुओं जैसे कॉपर, निकेल, कोबाल्ट और मैंगनीज और आयरन के अनुमानित संसाधन के साथ लगभग 75,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More