नयी दिल्ली: केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के 11वें स्थापना दिवस का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को लोगों की सुरक्षा और सामाजिक-आर्थिक लाभ के लिए मॉनसून और मौसम/जलवायु मानदंडों, महासागर अवस्था, भूकम्प, सुनामी और पृथ्वी की प्रणाली से जुड़ी अन्य घटनाओं की भविष्यवाणी के लिए सर्वश्रेष्ठ सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्रालय अन्वेषण और महासागर संसाधनों के दोहन का कार्य देखता है और अंटार्कटिक/आर्कटिक/हिमालय और दक्षिणी महासागर के अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस अवसर पर डॉ. हर्ष वर्धन ने दो मोबाइल ऐप इंडिया क्वेक और सागर वाणी शुरू किए।
स्थापना दिवस पर सिएटल, वाशिंगटन में नेशनल ओशनिक एंड एटमसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन पैसेफिक मेरीन एनवायरमेंटल लेबोरेट्री के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. माइकल मेकफेडन ने व्याख्यान दिया।
पृथ्वी प्रणाली विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में जाने-माने वैज्ञानिकों/इंजीनियरों द्वारा दिये गये प्रमुख वैज्ञानिक योगदानों को उचित मान्यता और मंच प्रदान करने तथा पृथ्वी प्रणाली विज्ञान की मुख्य धारा में आने के लिए युवा अनुसंधानकर्ताओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत पर विचार करते हुए, ईएसएसओ ने लाइफ टाइम उत्कृष्टता पुरस्कार और राष्ट्रीय पृथ्वी प्रणाली विज्ञान पुरस्कारों की शुरूआत की।
लाइफ टाइम उत्कृष्टता पुरस्कार प्रोफेसर के. गोपालन को आईसोटोप जिओसाइंस के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किया। महासागर विज्ञान और प्रोद्योगिकी, वायुमंडलीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा भू-विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार क्रमशः प्रोफेसर पी.एन विनयचन्द्रन, डॉ.के कृष्णा मूर्ति और प्रोफेसर के.एस.कृष्णा को प्रदान किया गया। युवा अऩुसंधान पुरस्कार डॉ. धन्य सी.टी. और डॉ. विक्रम विशाल को पृथ्वी विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रदान किया गया। इसके अलावा मंत्रालय के विज्ञानिकों को योग्यता प्रमाण पत्र भी प्रदान किये गये। स्कूली बच्चों को चित्रकला प्रतियोगिता के पुरस्कार दिये गये।