नई दिल्ली: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी), इसके संलग्न कार्यालयों और तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उद्यमों ने 16 जुलाई, 2017 से 31 जुलाई, 2017 तक पूरे उत्साह के साथ स्वच्छता पखवाड़ा मनाया।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी), इसके संलग्न कार्यालयों और तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उद्यमों ने 12.07.2017 को स्वच्छता पखवाड़ा कार्य योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में यह सुझाव दिया गया कि हमें सांकेतिक कार्यों से आगे बढ़कर स्वच्छता पखवाड़ा को एक जन आंदोलन के रूप में परिणत करने के लिए प्रयास करना चाहिए। पीएनजी के सचिव श्री के.डी. त्रिपाठी ने स्वच्छता पखवाड़े के मध्य में एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का उद्देश्य आयोजित किए गए कार्यक्रमों तथा शेष पखवाड़े के दौरान किए जाने वाले गतिविधियों की समीक्षा करना था।
स्वच्छता पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य लोगों की सहभागिता बढ़ाना तथा स्वच्छता के प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना था ताकि स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत पीएनजी के सचिव श्री के.डी. त्रिपाठी ने 25.07.2017 को मंत्रालय में अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यस्थल पर स्वच्छता के महत्व की शपथ दिलाई। लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए मंत्रालय ने ‘स्वच्छता और मैं’ विषय पर पेंटिंग और स्लोगन लिखने की प्रतियोगिता आयोजित की। इसके अतिरिक्त ‘स्वच्छता शपथ और मेरा योगदान’ विषय पर एक निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। मंत्रालय ने लगभग 17,800 फाइलों की जांच करने के पश्चात 14,681 फाइलों को आधुनिक ई-ऑफिस मोड में सुरक्षित कर दिया। पुराने फाइलों/रिकॉर्ड आदि को चुनकर बाहर निकाला गया। कार्यालय परिसरों की स्वच्छता के लिए कई कदम उठाए गए।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत निम्न प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए गएः-
- स्वच्छता से जुड़े विभिन्न मानकों के आधार पर अंतर-रिफाइनरी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। इसके लिए मंत्रालय के अधिकारी इन परिसरों का दौरा करेंगे।
- परियोजना सरस्वती को हरियाणा सरस्वती विरासत विकास और डब्ल्यूएपीसीओएस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद शुरू किया गया। गर्मी के मौसम में पानी की कमी की समस्या को देखते हुए यह कार्यक्रम शुरू किया गया।
- गंगा नदी तथा इसके स्रोत की सफाई के लिए ‘क्लीनथॉन हिमालय’ प्रारंभ किया गया। इसके तहत भारतीय पर्वतारोही संघ के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य ऊंचे ग्लेशियरों से कचरा एकत्रित करना है।
- दिव्यांग बच्चों तथा विख्यात खिलाड़ियों को जागरूकता फैलाने के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया गया।
- लेह के निकट नांग गांव में शून्य ऊर्जा आधारित सब्जी सेलर्स (छोटे कक्ष) का निर्माण।
- विद्यालयों में नैपकिन वेंडिंग मशीनों की स्थापना। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता किटों, नैपकिन का वितरण।
- सफाई साथियों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर, विभिन्न स्थानों पर वृक्षारोपण अभियान।
- विख्यात स्थलों (कामख्या मंदिर, स्वर्ण मंदिर आदि) में स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान।
- स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए साइकिल चालन/वॉकथॉन, ट्रक चालक दल के लिए विशेष अभियान, श्रमदान, स्वच्छता रथ, निबंध/ड्राइंग/नारा/प्रश्नोत्तरी/ स्वच्छता के विकास/अपशिष्ट से धन प्रतियोगिताओं, नाटक इत्यादि का आयोजन।
- स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों में पर्यावरण अनुकूल, जैविक और गैर प्रदूषणकारी जैव शौचालयों का निर्माण।
- चयनित/अपनाने वाले गांवों में शत प्रतिशत खुले में शौच से मुक्ति।
- सरकारी कार्यालयों, घरों, सड़कों और कचरे के प्रबंधन जैसे सफाई के मानदंडों पर आधारित अंतर-ग्रामपंचायत स्वच्छता प्रतियोगिता का शुभारंभ।
- स्वच्छता पुरस्कार वितरण।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने स्वच्छता पखवाड़े के दौरान आयोजित किए गए कार्यक्रमों के फोटो/वीडियो (तिथि अनुसार) पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के स्वच्छता समीक्षा पोर्टल पर अपलोड किया है।
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