प्याज की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि पर लगाम लगाने में असहाय केंद्र सरकार का कहना है कि उत्पादन में कमी के कारण प्याज की कीमतें अनियंत्रित हो गई हैं. केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को कहा कि प्याज का रकबा वर्ष 2016-17 के 2.65 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल 2017-18 में घटकर 1.90 लाख हेक्टेयर रह गया है.
पासवान ने कहा, “हमने कई कदम उठाए हैं. महाराष्ट्र के नासिक और राजस्थान के अलवर में सरकारी एजेंसियों ने प्याज की खरीदी की है. साथ ही, प्याज का आयात भी किया गया है, लेकिन कीमतें कम करना हमारे हाथ में नहीं है.”
उन्होंने उम्मीद जताई कि खरीफ प्याज की फसल की आवक शुरू होने पर इसकी कीमतों में कमी आ सकती है. पासवान ने प्याज और टमाटर की कीमतों में इजाफा को लेकर बुधवार को कृषि मंत्रालय और खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.
पिछले दिनों 31 अक्टूबर को पासवाल ने प्याज और टमाटर के खुदरा भाव में बढ़ोतरी के लिए जमाखोरों को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि नई फसल की आवक शुरू होने पर स्थिति सामान्य हो पाएगी.
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