नई दिल्ली: उपभोक्ता मामले विभाग प्याज सहित जरूरी खाद्य वस्तुओं के मूल्यों और उनकी उपलब्धता पर निरंतर नजर रखता है। यह ध्यान दिया गया कि वर्ष 2016-17 के लिए प्याज उत्पादन का तीसरा पूर्व अनुमान पहले के 215.6 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की तुलना में बढ़कर 217.2 लाख मीट्रिक टन लगाया गया है। अत: प्याज के मूल्यों में वृद्धि होने का कोई मुख्य कारण नजर नहीं आता। फिर भी पिछले महीने प्याज के मूल्यों में रिकार्ड वृद्धि हुई है। अनुचित और अव्यावहारिक व्यापारिक गतिविधियों को रोकने के लिए उपभोक्ता मामले विभाग ने राज्यों को प्याज के भंडारन की सीमा लागू करने के लिए कहा है। इसके अतिरिक्त उपभोक्ता मामले विभाग ने वाणिज्य विभाग के साथ मिलकर हाल ही में व्यापारियों/आयातकों के साथ बैठक की। इस बैठक में प्याज के वर्तमान मूल्यों और उपलब्धता स्थिति की समीक्षा की गई। ज्ञात हुआ कि आयातित लगभग 2400 मीट्रिक टन प्याज पहुंच गया है जबकि लगभग 9000 मीट्रिक टन प्याज जल्द ही आने की उम्मीद है। वर्तमान प्याज के उत्पादन से भी पता लगता है कि प्याज के मूल्यों में और वृद्धि का कोई आधार नहीं है। उपभोक्ता मामले विभाग सभी भागीदारों से मिलकर प्याज के मूल्यों की निरंतर समीक्षा करता रहेगा और यदि मूल्यों में अनुचित रूप से वृद्धि होती है तो बाजार में प्याज की पर्याप्त आवक बढ़ाने के लिए निजी व्यपारियों द्वारा इसके आयात को सरल बनाया जाएगा।