नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2017-18 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह के अनंतिम आंकड़ों से इस दौरान 9.95 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध संग्रह होने के बारे में पता चला है, जो कि वित्त वर्ष 2016-17 के शुद्ध संग्रह की तुलना में 17.1 प्रतिशत ज्यादा है। प्रत्यक्ष करों का शुद्ध संग्रह वित्त वर्ष 2017-18 के लिए प्रत्यक्ष करों के बजट अनुमान (9.8 लाख करोड़ रुपये) के 101.5 प्रतिशत और प्रत्यक्ष करों के संशोधित अनुमानों (10.05 लाख करोड़ रुपये) के 99 प्रतिशत को दर्शाता है।
वित्त वर्ष 2017-18 में सकल संग्रह (रिफंड के समायोजन से पहले) 13 प्रतिशत बढ़कर 11.44 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 1.49 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किये गये हैं।
कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) के लिए शुद्ध संग्रह की वृद्धि दर 17.1 प्रतिशत और व्यक्तिगत आयकर (एसटीटी सहित) के लिए शुद्ध संग्रह की वृद्धि दर 18.9 प्रतिशत है।
हालांकि, यह बात दोहराई जा रही है कि उपर्युक्त आंकड़े अब भी अनंतिम हैं और संग्रह के अंतिम आंकड़े प्राप्त होने पर इनमें परिवर्तन हो सकता है।
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 6.84 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) आयकर विभाग में दाखिल किए गए, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में 5.43 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे। यह 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। पिछले चार वर्षों के दौरान दाखिल किए गए आईटीआर में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2013-14 में दाखिल किए गए 3.79 करोड़ आईटीआर की तुलना में वित्त वर्ष 2017-18 में दाखिल किए गए आईटीआर (6.84 करोड़) 80.5 प्रतिशत अधिक हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान नए आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या भी बढ़कर 99.49 लाख हो गई है (30 मार्च,2018 तक), जबकि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान नए आईटीआर दाखिल करने वालों की संख्या 85.51 लाख थी। यह 16.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।