नई दिल्ली: केन्द्रीय विद्युत, कोयला, नई और नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पियूष गोयल और इंडोनेशिया गणराज्य के ऊर्जा और खनिज संसांधन मंत्री महा महीम श्री इग्नासियस जोनान ने 20 अप्रैल,2017 को जकार्ता में प्रथम ‘भारत इंडोनेशिया ऊर्जा फोरम’ में भाग लिया।
ऊर्जा फोरम से पहले तेल और गैस संबंधी दूसरे संयुक्त कार्यदल, कोयला संबंधी चौथे संयुक्त कार्यदल और नई और नवीकरणीय ऊर्जा संबंधी प्रथम संयुक्त कार्यदल की बैठकें आयोजित की गईं। ऊर्जा फोरम के दौरान तीनों संयुक्त कार्यदलों की रिपोर्ट दोनों मंत्रियों के समक्ष प्रस्तुत की गईं।
तेल और गैस संबंधी दूसरे संयुक्त कार्यदल की बैठक में भारत और इंडोनेशिया के नीति फ्रेमवर्क और दोनों देशों में तेल और गैस क्षेत्र में क्षमता निर्माण और व्यापार के अवसर बढ़ाने के बारे में विचार विमर्श किया गया। तेल और गैस क्षेत्र की प्रमुख भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
कोयला संबंधी चौथे संयुक्त कार्यदल की बैठक के चार सत्र आयोजित किए गए। प्रमुख भारतीय कोयला कंपनियों के प्रतिनिधि भी इन बैठकों में मौजूद थे। इनमें नीति गत फ्रेमवर्क और क्षमता निर्माण के बारे में विचार-विमर्श किया गया।
नई और नवीकरणीय ऊर्जा संबंधी प्रथम संयुक्त कार्यदल की प्रथम बैठक का आयोजन वीडियो-कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। दोनों देशों ने एक-दूसरे के यहां निवेश के अवसरों पर विचार किया।
इस अवसर पर श्री पियूष गोयल ने कहा कि इंडोनेशिया के मत्री श्री इग्नासियस जोनान के साथ उनकी वार्ता अत्यंत सार्थक रही। इस अवसर पर श्री जोनान ने कहा कि ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश की दृष्टि से इंडोनेशिया एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है।
इस अवसर पर भारत सरकार के पैट्रोलयम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और इंडोनेशिया के ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय के बीच तेल और गैस के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। इसके अंतर्गत आपसी लाभ के लिए एक सहकारी संस्थागत फ्रेमवर्क कायम करने का प्रावधान है।
भारत इंडोनेशिया से कोयला आयात करने वाला तीसरा सबसे बड़ा आयातक है। 2016 में भारत ने इंडोनेशिया से 3.5 अरब अमरीकी डालर मूल्य का कोयला आयात किया। कई भारतीय कंपनियों ने इंडोनेशिया में कोयला खदानों में निवेश किया है। 2015-16 के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 15.90 अरब अमरीकी डालर मूल्य का था, जिसमें इंडोनेशिया का निर्यात 13.06 अरब अमरीकी डालर मूल्य का था जबकि भारत का निर्यात 2.84 अरब अमरीकी डालर मूल्य का था। दोनों देशों के बीच सहमति बनी है कि व्यापार संतुलन कायम करने के लिए भारत से इंडोनेशिया का निर्यात बढ़ाया जायेगा।
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