लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार योजनान्तर्गत स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना प्रारम्भ कराकर वर्तमान वित्तीय वर्ष में 25 हजार से अधिक स्वरोजगार उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में आवश्यकतानुसार धनराशि का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनान्तर्गत योजना में 21 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति लाभार्थियों को भी लाभान्वित कराया जाए।
श्री योगी ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में कम से कम 1,19,000 रोजगार सृजन करने हेतु प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, युवा स्वरोजगार योजना, निर्यात संवर्धन योजना, क्लस्टर विकास योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना एवं तकनीकी उन्नयन/ब्याज उपादान योजनान्तर्गत रोजगार सृजन की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने कहा कि यू0पी0आई0डी0 लखनऊ के अधीन हस्तशिल्प क्षेत्रों यथा वाराणसी, गोरखपुर इत्यादि में हस्तशिल्प केन्द्रों की स्थापना कराने हेतु काॅन्सेप्ट नोट व डी0पी0आर0 तैयार करते हुए बजट का प्राविधान वर्तमान वित्तीय वर्ष में किया जाए। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा समाज के लोगों को भी उद्यमिता विकास संस्थान के अन्तर्गत हस्तशिल्प एवं गृह उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों यथा-विनिर्माण, विपणन, पैकेजिंग व अन्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिलाये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के प्रस्तुतिकरण के समय दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हस्तशिल्प विक्रेताओं को ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता सुनिश्चित करानी होगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में एस0एम0ई0 वेन्चर कैपिटल फण्ड हेतु 200 करोड़ रुपये के कारपस फण्ड की स्थापना कराए जाने हेतु भी आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से कराने के निर्देश देते हुए कहा कि कारपस फण्ड में प्रदेश सरकार के अंशदान 100 करोड़ रुपये तथा अवशेष हिस्सेदारी सिडबी एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं से कराये जाने हेतु कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने कहा कि कैपिटल फण्ड की स्थापना हेतु आवश्यकतानुसार सेबी मुम्बई में पंजीकरण की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाए।
श्री योगी ने आगामी वर्षों में जनपदों में संचालित जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्रों को उच्चीकृत कर आधुनिक जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्रों के रूप में विकसित किये जाने हेतु चरणवार योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्रों को कार्पोरेट लुक दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिल्पकारों द्वारा बनायी जाने वाली कलाकृतियों को मार्केटिंग उपलब्ध कराने हेतु विस्तृत कार्य योजना आगामी 01 माह में बनाकर प्रस्तुत की जाए। उन्होंने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनान्तर्गत एक वर्ष में 6,375 इकाइयों की स्थापना कराकर 24,000 रोजगार सृजन कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकन उद्योग बढ़ावा देने हेतु विस्तृत कार्य योजना बनाए जाने के भी निर्देश दिए।
प्रस्तुतिकरण में मुख्यमंत्री ने एसाईड योजनान्तर्गत निर्यात बाहुल्य जनपदों में निर्यात परक अवस्थापना/काॅमन फैसिलिटी सेण्टर सुविधाओं के विकास हेतु प्रस्तावित 101 परियोजनाओं में से 89 पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप अवशेष 12 परियोजनाओं को भी आगामी 100 दिन में पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने लोक कल्याण संकल्प-पत्र के विजन के अनुसार रोजगार देने को सर्वाेच्च प्राथमिकता प्रदान करते हुए समाज के हर वर्ग के लिए योजनाओं को चिन्हित करने के निर्देश दिए। उन्होंने हस्तशिल्पियों को पेंशन देने और चल रहे उद्योगों में नयी प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए। श्री योगी ने ग्रामीण इलाकों में फैले हस्तशिल्पियों को उनके निकट में ही प्रशिक्षण देने के लिए और उनके उत्पादों को बाजार की सुविधा देने की भी बात कही।
श्री योगी ने लघु उद्यमों एवं हस्त शिल्पियों के बनाये हुए उत्पादों को बड़े शहरों के उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने के लिए सुविधाएं विकसित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल के जिलों में विशेष प्रोत्साहन एवं सुविधाओं के माध्यम से लघु उद्यमों को स्थापित कराते हुए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्रों को आने वाले समय में आधुनिक और तकनीकी साज-सज्जा से जोड़ा जाए, जिससे लघु उद्यमों की अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध कराकर उनका विकास कराया जा सके।
प्रस्तुतिकरण के समय उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा एवं अन्य मंत्रिगण, मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव वित्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।