लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मत्स्य उत्पादन एवं व्यवसाय की व्यापक सम्भावनाओं को देखते हुए आवश्यकता इस बात की है कि मत्स्य उत्पादकों एवं व्यवसायियों को आधुनिक तकनीक से परिचित कराया जाये। विश्व बैंक इस दिशा में हर सम्भव सहयोग और मदद करने के लिए तैयार है।
यह विचार विश्व बैंक की टीम ने मत्स्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक में व्यक्त किए। विश्व बैंक की तीन सदस्यीय टीम उ0प्र0 में मत्स्य सेक्टर के विकास की सम्भावनाओं पर विचार करने के लिए आज कल लखनऊ भ्रमण पर आई हुई है। इस टीम में विश्व बैंक के लीड इनवायराॅनमेंट स्पेशलिस्ट श्री तपस पाॅल, सीनियर एक्वाकल्चर स्पेशलिस्ट श्री रेंडल ई ब्रूमेट तथा केन्द्रीय पशुधन डेयरी एवं मत्स्य के वरिष्ठ सलाहकार डा0 सलीम सुल्तान शामिल हैं।
प्रदेश के मत्स्य विभाग के संयुक्त निदेशक श्री एस0के0 सिंह ने कहा कि उ0प्र0 में मत्स्य व्यवसाय को सही वित्त पोषण एवं नवीन तकनीक की आवश्यकता है। नवीन तकनीक के द्वारा मत्स्य व्यवसाय में लगे लोगों की आय में अत्यधिक बढ़ोत्तरी होगी। मत्स्य व्यवसाय को चार गुना बढ़ाये जाने के लिए नवीन तकनीक द्वारा ही यह सम्भव है। इस अवसर पर मत्स्य पालकों ने बताया कि आवश्यक संसाधन यदि उपलब्ध हो जाये, तो निश्चित रूप से मत्स्य व्यवसाय चार गुना तक बढ़ सकता है।
बैठक में उ0प्र0 मत्स्य विभाग के मुख्य महा प्रबन्धक, उ0प्र0 मत्स्य विकास निगम के विभागीय अधिकारी तथा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के मत्स्य व्यवसाय में अग्रणी मत्स्य पालकों ने प्रतिभाग किया।