लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद सीतापुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार संकट की इस घड़ी में बाढ़ पीड़ितों के साथ है। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बाढ़ के स्थायी समाधान हेतु बोल्डर वाले तटबंध का निर्माण कराया जाएगा।
योगी जी ने कहा कि घाघरा व शारदा नदी को गोमती नदी से जोड़ने का जो प्रस्ताव शासन को भेजा गया है उस पर गम्भीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देशित करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री के साथ-साथ शुद्ध पेयजल तथा स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने पशुधन विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि पशुओं के चारे व दवा आदि की समुचित व्यवस्था की जाए तथा उनकी बीमारी से बचाव हेतु टीके भी लगवाए जाएं। जिन लोगों के पास झोपड़ियां नहीं हैं या पानी में तबाह हो गई हैं, उनकी सहायता में किसी भी प्रकार की लापहरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सीतापुर जनपद में कुछ गांव कटान से पूरी तरह समाप्त हो गए हैं, उन सभी परिवारों को पूरी सहायता दी जाएगी। उन्हांेंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि भूमि आवंटन हेतु प्रशासन एक सूची बना लें, ताकि उनको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराए जा सकें। इस सूची को बनाते समय प्रशासन, विधायक प्रतिनिधियों के साथ मिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ की समस्या का समाधान प्रत्येक दशा में किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी बाढ़ पर निगरानी रख रहे हैं। शासन की सहायता से प्रशासन राहत सामग्री, नाव आदि की व्यवस्था करे।
इस अवसर पर योगी जी ने बाढ़ पीड़ितों को अनुदान के चेक, पुनर्वास हेतु पट्टे का प्रमाण-पत्र तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृति प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए। इसके अलावा, उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री भी वितरित की। उन्होंने कहा कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है, जिसके समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। बाढ़ पीड़ित परिवारों को तात्कालिक व दीर्घकालिक सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने क्षेत्रीय सांसद व विधायक, स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने और समय-समय पर इससे अवगत कराने की बात भी कही। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।