लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने प्रदेश के समस्त मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अधूरे आवासों का निर्माण कार्य 31 जुलाई, 2018 तक हर हाल में पूरा करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही इंदिरा तथा लोहिया आवासों के अवशेष कार्यों को पूरा कर लिया जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि फील्ड स्तर के अधिकारियों को यदि ग्राम्य विकास विभाग में कार्य करना है तो उन्हें गांवों में अनिवार्य रुप से जाना होगा।
ग्राम्य विकास मंत्री आज यहां योजना भवन में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के कार्यों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य विकास अधिकारी अपने-अपने जनपदों में वाल राइटिंग तथा होर्डिंग लगवाने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करें। बहुत सारे गांवों में होर्डिंग तथा वाल राइटिंग का कार्य नहीं हुआ है, यह स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कार्य को एजेन्डे में प्राथमिकता के आधार पर शामिल कर लिया जाए।
डा0 महेन्द्र सिंह ने सबसे पहले मुख्य विकास अधिकारियों की उपस्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की। कतिपय जनपदों के सीडीओ के अनुपस्थित होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के आवासों को तभी पूर्ण माना जाएगा, जब उसमें शौचालय बना हो और लाभार्थी को 90 दिन की मजदूरी दे दी गई हो। उन्होंने कहा कि जुलाई का महीना चुनौतीपूर्ण है और अधिकारी पूरी मेहनत और ईमानदारी से आवासों का निर्माण पूरा करांए। उन्होंने मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना के तहत चयनित गांवों को विभिन्न विभागों की योजनाओं से संतृप्त करने की भी हिदायत दी।
डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन तथा अन्तोदय योजना के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि इसके तहत कराए गए कार्यों के गुणवत्ता एवं समयबद्धता पर विशेष निगाह रखी जाए। उन्होंने सभी सीडीओ को यह भी निर्देश दिए कि विकास खण्ड अधिकारियों को साफ तौर से बता दे ं कि यदि पंचायत सेके्रट्ररी अपने आवंटित गांवों में नहीं जाते है तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में उत्तर प्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। इस गति को बनाए रखते हुए इस वर्ष के लक्ष्य को निर्धारित समय में पूरा करने का हर सम्भव प्रयास करें।
प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग को पालीथिन तथा प्लास्टिक से मुक्त करना है। प्रदेश के समस्त विकास खण्डों तथा विकास भवनों व ग्राम्य विकास विभाग के कार्यालयों में पालीथिन का उपयोग न करके दूसरों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करें और आज ही यह संकल्प लें कि प्लास्टिक/पालीथिन का प्रयोग नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि ब्लाक कार्यालयों के साफ-सफाई पर विशेष रुप से ध्यान दिया जाए। इसके साथ ही उनका कलर कराया जाए, सारे भवन सुन्दर दिखने चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिन प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानान्तरण किए जा चुके हैं उन्हें तत्काल कार्यमुक्त कर दिया जाए। जिन जनपदों में अधिकारियों को कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा, संबंधित जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा सकती है। उन्होंने रिटायर कर्मियों के पेंशन संबंधियों को समस्त देयों का भुगतान समय से किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मियों के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
प्रमुख सचिव ने कहा कि फील्ड के अधिकारियों को जो सर्वेक्षण का कार्य-विधवा पेंशन, पात्र गृहस्थी आदि का कार्य यथाशीघ्र पूरा कर लें क्योंकि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयुष्मान भारत आदि योजनाएं राज्य सरकार द्वारा शुरु की जाएंगी। उन्होंने मुसहर, अनुसूचित जाति/जनजाति, वनटांगिया बहुल मजरे में सर्वेक्षण करके पात्रों को सभी योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के निर्देश दिए। विशेष सचिव ग्राम्य विकास श्री एन0पी0 सिंह ने सभी सीडीओज से फीडबैक प्राप्त करके योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से करने पर जोर दिया।
वीडियो कांफे्रंसिंग के समय निदेश पेयजल मिशन श्री सुरेन्द्र राम, विशेष सचिव टी0के0 शिबू, उपायुक्त श्री योगेश कुमार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।