देहरादून: उत्तराखण्ड सरकार खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और क्लस्टर की स्थापना का प्रस्ताव 15 दिन में भारत सरकार को भेजेगा। एग्रो क्लस्टर के लिए 10 करोड़ रुपये का अनुदान प्रति क्लस्टर मिलेगा। कृषि उत्पाद के पहले और बाद के वैल्यू चेन के लिए प्रति चेन 05 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह जानकारी भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री पराग गुप्ता ने मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह के साथ बैठक के दौरान दी।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना और निवेश में अन्य खाद्य प्रसंस्करण योजनाओं के बारे में विचार विमर्श हुआ। तय किया गया कि राज्य के चुनिंदा आईटीआई में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार से प्रति प्रशिक्षण के लिए 05 लाख रुपये मिलेंगे। पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्रमुख उद्योगों के सीईओ के साथ बैठक की जाएगी। कृषि, वानिकी और पशुपालन में पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए जल्द क्रेता-विक्रेता सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि इस समय राज्य में 16 कोल्ड चेन स्थापना के विभिन्न चरणों में है। इनमें से 09 कोल्ड चेन संचालित भी हो गए हैं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करनी है। इस दिशा में कार्य करने के लिए कोल्ड चेन, फूड प्रोसेसिंग और वैल्यू चेन से किसानों को लिंक करना है। उन्हें सीधे तौर पर मार्केट से जोड़ना है। क्षेत्र विशेष के अनुसार क्लस्टर बनाकर किसानों के एग्रो उत्पाद को बढ़ाना है।
बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव कृषि श्री डी.सेंथिल पांडियन, सचिव पशुपालन श्री आर.मीनाक्षी सुंदरम, एमडी सिडकुल श्रीमती सौजन्या सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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