लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विश्व मृदा दिवस के अवसर पर आज यहां अपने सरकारी आवास पर ‘द मिलियन फार्मर्स स्कूल’ (किसान पाठशाला) का शुभारम्भ किया। इस कार्यक्रम के तहत 15 हजार पाठशालाओं के आयोजन के माध्यम से प्रदेश के लगभग 10 लाख किसानों को मिट्टी के स्वास्थ्य के संरक्षण व संवर्द्धन के सम्बन्ध में जागरूक करने सहित किसानों की आय दुगुना करने के लिए कृषि एवं अन्य सम्बन्धित विभागों द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की जाएगी।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की किसानों की आय दुगुना करने के अभियान को साकार करने के लिए कृषि विभाग द्वारा किसान पाठशाला का अभिनव कार्यक्रम शुरू किया गया है। किसान खुशहाल होगा तो देश-प्रदेश खुशहाल होगा। उत्तर प्रदेश की आबादी का घनत्व राज्य की धरती की उर्वरा शक्ति का प्रमाण है। इस भूमि में अपार सम्भावनाएं हैं। यदि यहां के किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकी सहित समुचित सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएं, तो उत्पादन क्षमता को दुगुना और तिगुना तक बढ़ाया जा सकता है।
योगी जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने धरती माता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर पहली बार मृदा स्वास्थ्य कार्ड का शुभारम्भ किया। धरती माता हम सबकी माता हैं। उनका दोहन और शोषण हुआ है। इसका दुष्परिणाम उत्पादकता में कमी के रूप में सामने आ रहा है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड से यह पता चलता है कि भूमि को किन पोषक तत्वों की आवश्यकता है। इन पोषक तत्वों को धरती माता तक पहुंचाने के लिए किसान को प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाता है। राज्य सरकार किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड मुहैया कराने का काम कर रही है। इस कार्य में तमाम स्वयंसेवी संस्थाएं भी योगदान कर रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस समाज में किसान, युवा और महिलाएं उपेक्षित होंगी वह समाज तरक्की नहीं कर सकता। देश व प्रदेश में पहली बार ऐसी सरकार सत्ता में आयी है, जो परिवार, जाति और सम्प्रदाय के स्थान पर देश व समाज के विकास पर ध्यान दे रही है। किसानों को उनकी उपज का मूल्य उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने किसानों से गेहूं का क्रय किया तथा धान की खरीद की जा रही है। गन्ना किसानों के पिछले अनेक वर्षाें का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराने के साथ ही, वर्तमान पेराई सत्र में 14 दिनों के अन्दर गन्ना मूल्य भुगतान कराया जा रहा है।
योगी जी ने कहा कि कृषि में आधुनिक तकनीकी का फायदा उठाया जाना चाहिए। किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक बड़े जनपद में दो और छोटे जनपद में एक कृषक केन्द्र खोलने का कार्य राज्य सरकार कर रही है। आगामी मार्च से जून तक 60 हजार हेक्टेयर असिंचित पड़ी भूमि को सिंचित किया जाएगा। सिंचाई में ड्रिप सिंचाई तकनीक का इस्तेमाल करके कम पानी के इस्तेमाल से भी सिंचाई का रकबा बढ़ाया जा सकता है। राज्य सरकार इस वर्ष किसानों को 20 हजार सोलर पम्प उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए योजना बनाकर 15 मई तक बाढ़ नियंत्रण सम्बन्धी कार्याें को पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र सरकार द्वारा संचालित सबमिशन आॅन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना के अन्तर्गत 10 फार्म मशीनरी बैंकों को ट्रैक्टर की प्रतीकात्मक चाभी सौंपी। रायबरेली की श्रीमती पूनम, बाराबंकी की श्रीमती किरन, हरदोई की श्रीमती विभा सिंह, लखीमपुर की श्रीमती किरन वर्मा एवं श्रीमती पूनम सिंह, लखनऊ के श्री अवधेश सिंह एवं श्री राजीव कुमार सिंह, बाराबंकी के श्री गिरिजा शंकर एवं श्री घिराउ लाल एवं उन्नाव के श्री कमलेश कुमार ने अपनी संस्थाओं की तरफ से ट्रैक्टर की प्रतीकात्मक चाभी प्राप्त की। ट्रैक्टर प्राप्त करने वाली संस्थाओं में से दो संस्थाओं में महिला अध्यक्ष, दो में महिला सचिव तथा एक में महिला कोषाध्यक्ष हैं।
मुख्यमंत्री जी द्वारा इस मौके पर पारदर्शी किसान सेवा योजना का मोबाइल एप भी लाॅन्च किया गया। इस मोबाइल एप के माध्यम से प्रदेश के किसानों को कृषि विभाग द्वारा दी जाने वाली समस्त सुविधाओं की जानकारी घर बैठे मोबाइल से आॅनलाइन पंजीकरण की सुविधाएं तथा अनुदान प्राप्ति हेतु बीज एवं प्रक्षेत्र, कृषि रक्षा उपयोग कृषि रक्षा रसायन भूमि उपचार आदि वस्तुओं का चयन करने की सुविधा तथा डी0बी0टी0 के अन्तर्गत दिये जाने वाले अनुदान की जानकारी भी आॅनलाइन प्राप्त कर सकेंगे।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने किसान पाठशाला में किसानों को दी जाने वाली जानकारी के सम्बन्ध में पुस्तिका तथा 5 वर्ष में किसानों की आय दुगुना करने के सम्बन्ध में पुस्तिका का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि आज मृदा संरक्षण दिवस है। सारी दुनिया मृदा संरक्षण के सम्बन्ध में चर्चा कर रही है। रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से भूमि की सेहत खराब हुई है। वर्ष 2022 तक यूरिया की खपत 50 प्रतिशत से कम करके कृषि लागत घटाने और उपज बढ़ाने का प्रधानमंत्री जी द्वारा आह्वान किया गया है। किसान पाठशाला का आयोजन इसी उद्देश्य से किया जा रहा है। इस दौरान कृषि विभाग की अन्य योजनाओं की जानकारी भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पहली बार प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उड़द एवं मूंग की खरीदारी भी करेगी।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि किसान पाठशाला के दौरान 10 लाख किसानों को जागरूक एवं प्रशिक्षित किया जाएगा। किसान पाठशाला का आयोजन चयनित न्याय पंचायतों में प्राइमरी स्कूल/जूनियर हाईस्कूल बन्द होने के बाद सायं 4 बजे से 5 बजे तक प्रथम फेज में दिनांक 5 दिसम्बर से 9 दिसम्बर, 2017 तथा द्वितीय फेज में 11 दिसम्बर से 15 दिसम्बर, 2017 तक चलाया जाएगा। कृषि निदेशक श्री श्योराज सिंह ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना, वन मंत्री श्री दारा सिंह चैहान, सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, लघु सिंचाई मंत्री श्री एस0पी0 सिंह बघेल, दुग्ध विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा, पंजीयन मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, पशुधन एवं मत्स्य राज्य मंत्री श्री जय प्रताप निषाद, कृषि राज्य मंत्री श्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आर0पी0 सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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