नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 7 अक्तूबर, 2017 को आईआईटी गांधीनगर में डिजीटल साक्षरता अभिनंदन समारोह को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजीटल साक्षरता अभियान (पीएमजीडीआईएसएचए) सरकार की डिजीटल इंडिया पहल का एक अभिन्न अंग है। इस योजना से ग्रामीण भारत में 6 करोड़ नागरिक डिजीटली साक्षर हो सकेंगे। इस समारोह में डिजीटल इस्तेमाल/डिजीटल वित्तीय कारोबार जैसे मुद्दों की ओर ध्यान दिलाकर डिजीटल साक्षरता के महत्व को उजागर किया जाएगा और लोगों को डिजीटली अधिकार सम्पन्न बनाकर सूचना, ज्ञान, और कौशल तक उनकी पहुंच प्रदान करने में सहायता दी जाएगी।
पीएमजीडीआईएसएचए गांव के लोगों को भी समान अवसर प्रदान करना चाहता है ताकि वे राष्ट्र निर्माण में सक्रियता से भाग ले सकें और डिजीटल टेक्नोलॉजी, उपकरणों और सेवाओं के जरिये आजीविका तक पहुंच सकें।
प्रधानमंत्री के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजयभाई रूपानी, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री सत्य पाल सिंह, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के. जे. एल्फोंस, गुजरात के उप मुख्यमंत्री श्री नितिनभाई पटेल, राज्य के शिक्षा और राजस्व मंत्री श्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ासामा समारोह की शोभा बढ़ाएंगे।
पीएमजीडीआईएसएचए योजना की शुरूआत सरकार ने फरवरी 2017 में की थी ताकि दो वर्ष के भीतर ग्रामीण भारत के छह करोड़ नागरिकों को डिजीटल साक्षर प्रशिक्षण दिया जा सके। सरकार का लक्ष्य प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति को डिजीटली साक्षर बनाना है। पीएमजीडीआईएसएचए के अंतर्गत प्रशिक्षित नागरिकों को कम्प्यूटर, टेबलैट, स्मार्ट फोन जैसे उपकरण चलाना और दैनिक जीवन में इंटरनेट का इस्तेमाल सिखाया जाएगा ताकि उनके कौशल और ज्ञान को बढ़ाया जा सके और सरकारी से लेकर नागरिक सेवाओं, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सेवाओं तक उनकी पहुंच बन सके।
इस योजना में नागरिकों को डिजीटल कारोबार में सक्षम बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। लाभान्वित के बैंक खाते में आधार संख्या भेजकर और उसकी विभिन्न सरकारी ऑनलाइन सेवाओं जैसे रेलवे टिकट की बुकिंग, पासपोर्ट आवेदन, आदि तक पहुंच बनाकर नागरिक को प्रौद्योगिकी का फायदा उठाने और शासन में सक्रिय रूप से भाग लेने योग्य बनाया जा सकेगा।
अब तक डिजीटल साक्षर प्रशिक्षण के लिए पीएमजीडीआईएसएचए पोर्टल में 55 लाख से अधिक नागरिकों को पंजीकृत किया जा चुका है, इनमें से 22 लाख नागरिकों सफलतापूर्वक आंकलन पूरा करने के बाद प्रमाणित किया जा चुका है। यह योजना प्रशिक्षण केन्द्र – प्रत्येक पंचायत में एक (2.5 लाख प्रशिक्षण केन्द्र) के जरिये लागू की जाएगी। प्रशिक्षण कराने की सुविधा वाले सीएसआर और एनजीओ के जरिये कार्पोरेट भी डिजीटल साक्षरता कार्यक्रम में भाग लेंगे।
करीब 7000 प्रशिक्षण केन्द्र ऑपरेटर (सीएससी-वीएलई) साझा सेवा केन्द्र – देश भर के विभिन्न राज्यों के ग्राम स्तर के उद्यमी ‘‘डिजीटल साक्षरता अभिनंदन समारोह’’ में भाग लेंगे। पीएमजीडीआईएसएचए के अंतर्गत प्रशिक्षित और प्रमाणित करीब 500 नागरिक भी समारोह में भाग लेंगे। माननीय प्रधानमंत्री ग्राम स्तर के पांच उद्यमियों और पांच डिजीटली साक्षर नागरिकों को समारोह में पुरस्कृत करेंगे। देश भर के सभी 2.6 लाख साझा सेवा केन्द्र स्थानीय नागरिकों को एकजुट कर, अपने केन्द्र के डिजीटली साक्षर उम्मीदवारों के साथ इस समारोह का गांधीनगर से सीधा प्रसारण करेंगे। इस समारोह का दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल से भी प्रसारण किया जाएगा।
साझा सेवा केन्द्र (सीएससी) योजना डिजीटल इंडिया का अभिन्न अंग है जो इलैक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की पहल है। गांवों के स्तर पर सीएससी और आईसीटी सक्षम अग्रांत सेवा देने वाले स्थान सरकार की वित्तीय, सामाजिक और कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन, एफएमसीजी उत्पादों, बैंकिंग, बीमा, पेंशन, जनोपयोगी भुगतान आदि जैसी निजी क्षेत्र की सेवाओं को पहुंचाने में सक्षम बनाते हैं। सीएससी का प्रबंधन और संचालन ग्राम स्तर के उद्यमी करते हैं। इस समय देश भर में 2.6 लाख सीएससी हैं। इनमें से 90 प्रतिशत का प्रबंधन और संचालन महिलाएं कर रही हैं। प्रत्येक सीएससी में औसतन 4 से 5 व्यक्ति कार्यरत हैं।
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