18.2 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

प्रधानमंत्री ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की 90वीं वार्षिक आम बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

देश-विदेशव्यापार

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की 90वीं वार्षिक आम बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।

1927 में फिक्की के स्थापना समय को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय उद्योग ब्रिटिश सरकार द्वारा गठित साइमन कमीशन के खिलाफ एकजुट हुआ था। उन्होंने कहा कि उस समय भारतीय उद्योग समाज के हर वर्ग के साथ खड़ा था।

श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भी वैसा ही माहौल मौजूद है, जब देशवासी राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि देश को भ्रष्टाचार और कालेधन जैसी घरेलू समस्याओं से निजात मिले। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों और उद्योग संघों को देश की जरूरतों तथा लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद बहुत सी उपल्बधियां प्राप्त हुई हैं, लेकिन कई चुनौतियां भी खड़ी हो गयी हैं। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करना पड़ा और बैंक खातों, गैस कंनेक्शनों, छात्रवृत्तियों, पेंशन इत्यादि जैसे मुद्दों पर जूझना पड़ता रहा। केन्द्र सरकार इस संघर्ष को समाप्त करने का प्रयास कर रही है। उसका प्रयास है कि एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाये जो पारदर्शी और संवेदनशील हो। उन्होंने कहा कि जनधन योजना इसकी एक मिसाल है और ‘जीवन की सहजता’ बढ़ाने पर केन्द्र सरकार ध्यान दे रही है। उन्होंने उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण और प्रधानमंत्री आवास योजना का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद गरीबी देखी है और वे इस बात को बखूबी समझते हैं कि गरीबों और राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करने की आवश्यकता है। उन्होंने उद्यमियों को गैर-जमानती ऋण प्रदान करने वाली मुद्रा योजना का भी उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि फंसे कर्ज (एनपीए) की समस्या वर्तमान सरकार को विरासत में मिली है। उन्होंने कहा कि अब वित्तीय नियमन एवं जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक के बारे में अफवाह फैलाई जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार खाताधारकों के हितों की रक्षा करने के लिए काम कर रही है लेकिन इसके विपरीत अफवाहें उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि फिक्की जैसे संगठनों की यह जिम्मेदारी है कि वे ऐसे मुद्दों पर लोगों में जागरूकता पैदा करें। उन्होंने कहा कि इसी तरह फिक्की को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को और कारगर बनाने के लिए भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक व्यापार गतिविधियों का जीएसटी के लिए पंजीकरण सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि व्यवस्था जितनी औपचारिक बनेगी, गरीबों को उतना अधिक फायदा होगा। इससे बैंकों से आसानी से ऋण मिलेगा, लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी आएगी, जिसके कारण व्यापार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि छोटे कारोबारियों के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करने के लिए फिक्की के पास जरूर कोई योजना होगी। उन्होंने यह भी कहा कि फिक्की को जरूरत आने पर बिल्डरों द्वारा आम आदमी के शोषण जैसे मुद्दों के खिलाफ भी आवाज उठानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने यूरिया, कपड़ा, नागरिक विमानन और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों के लिए नीतिगत फैसलों तथा उनके लाभों का भी उल्लेख किया। उन्होंने रक्षा, निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण जैसे अन्यान्य क्षेत्रों में होने वाले सुधारों का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि उपरोक्त उपायों के नतीजे में विश्व बैंक की ‘व्यापार करने की आसानी’ रैंकिंग में भारत 142वें स्थान से उठकर 100वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने उन संकेतकों का भी हवाला दिया, जो भारत की सेहतमंद अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाये गये कदम रोजगार पैदा करने की दिशा में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, स्टार्टअप, मशीनों से प्राप्त होने वाली जानकारी, सौर ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में फिक्की की मुख्य भूमिका है। उन्होंने फिक्की से आग्रह किया कि वह एमएसएमई क्षेत्र के लिए थिंक-टैंक की भूमिका निभाये।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More