नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में साइबर स्पेस पर पांचवें वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री महामहिम श्री रानिल विक्रमसिंघे, इलेक्ट्रॉनिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी और कानून तथा विधि मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, दूरसंचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा, पर्यटन, इलेक्ट्रोनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री के.जे. अल्फोंस तथा अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार यूनियन के महासचिव श्री हॉउ लीन झाओ तथा अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने उमंग एप भी लॉन्च किया। इसका उद्देश्य एक ही मोबाइल एप पर 162 सरकारी सेवाओं को लाना है, ताकि हमारे नागरिकों के मोबाइल फोन पर सरकारहॉउ की पहुंच हो सके।
उमंग एक नजर में –
- सभी सरकारी सेवाओं में एकरूप यूजर सहज इंटरफेस
- 33 विभागों की 162 सेवाएं/एप्लीकेशन तथा चार राज्य
- केन्द्र राज्य तथा उपयोगिता सेवाओं से 1200 से अधिक विभिन्न सरकारी सेवाओं तक पहुंच के लिए एक मात्र मोबाइल एप
- 13 भारतीय भाषाओं में समर्थित और मांग पर उपलब्ध
- यूएसएसडी के माध्यम से बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले फीचर फोनों को जल्द समर्थन
यह पांचवां जीसीसीएस सम्मेलन है। इसका थीम सभी के लिए साइबर : सतत विकास के लिए सुरक्षित और समावेशी साइबर स्पेस है। इस सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय नीति निर्धारक, उद्योग विशेषज्ञ, विचारक तथा साइबर विशेषज्ञ साइबर स्पेस से संबंधित विषयों और वांछित उपयोग की चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे।
साइबर स्पेस पर पांचवें वैश्विक सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक साइबर नीति में समावेशन तथा मानव अधिकारों के महत्व को प्रोत्साहित करना है।
इलेक्ट्रोनिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी, विधि और न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार का मौलिक दर्शन सबका साथ, सबका विकास है। डिजिटल भारत टेक्नोलॉजी का उपयोग करके समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर रहा है। डिजिटल भारत के हमारे प्रधानमंत्री के विजन ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति को नया दृष्टिकोण प्रदान किया है। भारत का डिजिटल विकास सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी से लेकर 1.3 बिलियन लोगों को डिजिटल रूप में आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने तक हुआ है।
श्री प्रसाद ने कहा कि समावेशी विकास में सबसे बड़ी बाधा भ्रष्टाचार और सेवा डिलीवरी प्रणाली में चोरी थी। जन-धन बैंक खाता – आधार, डिजिटल पहचान और मोबाइल फोन की तिकड़ी ने इस समस्या का कारगर समाधान किया है। वित्तीय लाभों को गरीब लोगों के खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से प्रदान करने से 515 मिलियन लोगों को लाभ हुआ है और पिछले तीन वर्षों में करदाताओं के 9 मिलियन डॉलर की बचत हुई है।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक साइबर चुनौती पीस-ए-थॉन के विजेताओं को सम्मानित किया। पीस-ए-थॉन में भारत तथा अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, अर्जेन्टीना, ऑस्ट्रेलिया तथा अल्जीरिया की सैंकड़ो टीमें शामिल हुई।
विजेताओं का श्रेणी-वार विवरण नीचे दिया गया है:
वैश्विक साइबर चुनौती “स्टार्टअप की ओर सर्वाधिक अभिनव विचार”
टीम का नाम
अस्त्रा |
नाम | नाम | देश |
श्री आनंद कृष्णा
श्री शिखिल शर्मा |
पीस-ए-थॉन | फ्रांस | |
विजेताओं– पीस-ए-थॉन (राष्ट्रीय)
रैंक | टीम नाम | नाम | स्पर्धा | देश | |||
विजेता | साईगार्ड | श्री सचिन पारेख | पीस-ए-थॉन | भारत | |||
श्री रोहित भास्कर | |||||||
श्री तन्य शाह | |||||||
प्रथम
उपविजेता |
टेक विजार्ड्स | सुश्री विनीता गर्ग | पीस-ए-थॉन | भारत | |||
श्री राहित तुली | |||||||
द्वितीय उपविजेता | डीपसेफ | श्री डेन्डी सत्यवीर वीरा रेड्डी | पीस-ए-थॉन | भारत | |||
श्री के.वी.वी. दुर्गा प्रसाद | |||||||
श्री आर. बराथ | |||||||
तृतीय उपविजेता | एजीज | श्री भारद्वाज सतचिदानंदन | पीस-ए-थॉन | अमेरिका | |||
सान्तवना | ब्लू मोनक्स |
|
पीस-ए-थॉन | भारत |
वैश्विक साइबर चुनौती-कैप्चर द फ्लैग (ओटी)-विजेता
रैंक | नाम | स्पर्धा | टीम नाम | देश |
विजेता | श्री विजय कुमार | सीटीएफ-ओटी | बिटविजय | भारत |
श्री तनय बोस | ||||
श्री विग्नेस दुराइराज | ||||
उपविजेता | श्री स्वपनिल | सीटीएफ-ओटी | इव्सड्रॉपर | भारत |
श्री आरूष आहूजा | ||||
श्री पुनीत मौर्या |
वैश्विक साइबर चुनौती-कैप्चर द फ्लैग (आईटी)-विजेता
रैंक | नाम | स्पर्धा | टीम नाम | देश |
विजेता | श्री पलाश बंसल | सीटीएफ-आईटी | डी4आरकेसी0डीई | भारत |
श्री अनीश डोगरा | ||||
उपविजेता | श्री सनत शर्मा | सीटीएफ-आईटी | डीसीयूए | अमेरिका |
श्री आदित्य पुराणी |
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