नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मोतिहारी में स्वच्छाग्रहियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। यह आयोजन चंपारण में महात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाए गए सत्याग्रह के शताब्दी समारोह के तहत किया गया।
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। जल आपूर्ति और स्वच्छता के क्षेत्र में, उन्होंने मोतीझील परियोजना, बेतिया नगर परिषद जल आपूर्ति योजना, और गंगा से जुड़ी चार परियोजनाओं, सैयदपुर मल जल नेटवर्क, पटना; पहाड़ी सीवेज नेटवर्क, जोन 4, पटना; पहाड़ी सीवेज नेटवर्क,जोन 5, पटना; और पहाड़ी एसटीपी की आधारशिला रखी और इनके प्रतीक के रूप में एक पट्टिका का अनावरण किया।
रेलवे के क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने मुजफ्फरपुर और सगौली तथा सगौली और वाल्मिकीनगर के बीच रेल लाइनों के दोहरीकरण कि परियोजना की आधारशिला रखी। उन्होंने इसके साथ ही मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव संयंत्र का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने वीडियो लिंक के जरिए मालगाड़ी के इस्तेमाल के लिए बनाए गए 12000 अश्वशक्ति वाले पहले बिजली इंजन और चंपारण हमसफर एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर बिहार झारखंड सीमा सेक्शन पर औरंगाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 के लिए एक नयी सड़क, मोतिहारी में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड के एक एलपीजी टर्मिनल और ऑयल ल्यूब तथा सगौली में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के एलपीजी संयंत्र की आधारशिला भी रखी। उन्होंने चैंपियन स्वच्छाग्रहियों को पुरस्कार भी प्रदान किए।
इस अवसर पर उत्साहित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के दिन मोतिहारी में वैसे ही जनआंदोलन की भावना दिखायी दे रही है जो एक सदी पहले चंपारण सत्याग्रह में दिखी थी।
उन्होंने कहा कि सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह की इस यात्रा में बिहार के लोगों ने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है। उन्होंने पिछले एक सप्ताह में बिहार में शैाचालयों के निर्माण में हुयी प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने इस दिशा में किए गए प्रयासों के लिए राज्य की जनता और वहां की सरकार की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान हो या फिर भ्रष्ट्राचार के खिलाफ लड़ाई हो या फिर जन सुविधाएं विकसित करने की बात हो केन्द्र सरकार इसके लिए राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज 6600 करोड़ रुपए की लागत से शुरु की जा रही परियोजनाएं आने वाले समय में राज्य और क्षेत्र के विकास में बड़ी भूमिका निभाएंगी। उन्होंने इस अवसर पर मोतीझील को मोतिहारी के इतिहास का अभिन्न अंग बताते हुए इसकी संरक्षण योजना का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने गंगा नदी में प्रदूषित जल के प्रवाह को रोकने के लिए 3000 करोड़ रूपए से ज्यादा की लागत से शुरु की जाने वाली परियोजनाओ को मंजूरी दिए जाने का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना के जरिए रसोई गैस की सुविधा मिलने से बिहार की 50 लाख महिलाएं लाभान्वित हुयी हैं। इस संदर्भ में उन्होंने आज शुरु की गयी एलपीजी और पेट्रोलियम परियोजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह देश की प्रगति का इंजन माने जाने वाले पूर्वी भारत के विकास की व्यापक सोच का हिस्सा है। उन्होंने इस अवसर पर आज शुरु की गयी रेल और सड़क परियोजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि माधेपुरा इेलेक्ट्रिक लोकोमोटिव संयंत्र मेक इन इंडिया का नायाब उदाहरण है जो क्षेत्र में रोजगारगार का एक बड़ा जरिया बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि 12 हजार अश्व शक्ति वाले जिस बिजली इंजन को आज पहली बार चलाया गया है उससे भविष्य में मालगाडि़यों की रफ्तार काफी बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को पहली बार 2007 में मंजूरी दी गयी थी लेकिन यह तीन साल पहले शुरु हुयी। इसका पहला चारण अब पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार लोगों से मदद से अपने सभी अभियान पूरे करने के लिए कृतसंकल्प है।
स्वच्छता के क्षेत्र में उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से लेकर अबतक साफ सुथरे क्षेत्रों का दायरा 40 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत हो चुका है। उन्होंने का कि शौचालयों का निर्माण सामाजिक असंतुलन को खत्म करते हुए सामाजिक और आर्थिक तथा महिला सशक्तिकरण का माध्यम बन रहा है। उन्होंने स्वच्छ भारत को अभियान को एक व्यापक जनआंदोलन बताते हुए कहा कि 21 वीं सदी में दुनिया के किसी भी हिस्से में इसका दूसरा कोई उदाहरण नहीं मिलेगा।