नई दिल्ली: भारत के प्रमुख बंदरगाहों ने अप्रैल-जून, 2018 के दौरान 3.91 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है और इन बंदरगाहों ने कुल मिलाकर 174.02 मिलियन टन कार्गो का संचालन किया है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 167.48 मिलियन टन कार्गो का संचालन किया गया था।
अप्रैल-जून, 2018 के दौरान 9 बंदरगाहों यथा हल्दिया सहित कोलकाता, पारादीप, विशाखापत्तनम, कामराजार, चेन्नई, कोचीन, न्यू मंगलोर, जेएनपीटी और दीनदयाल (कांडला) बंदरगाह ने यातायात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है।
प्रमुख बंदरगाहों पर संचालित कार्गो यातायातः
कामराजार बंदरगाह ने सर्वाधिक वृद्धि (11.93 प्रतिशत) दर्ज की है। इसके बाद क्रमशः हल्दिया सहित कोलकाता (10.21 प्रतिशत), पारादीप (9 प्रतिशत), कोचीन (7.85 प्रतिशत) और विशाखापत्तनम (7.24 प्रतिशत) का नंबर आता है।
कोलकाता बंदरगाह में कुल मिलाकर 10.21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। कोलकाता डॉक सिस्टम (केडीएस) ने 2.82 प्रतिशत की यातायात वृद्धि दर्ज की है, जबकि हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स (एचडीसी) ने 13.49 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, जो सभी प्रमुख बंदरगाहों में सर्वाधिक है।
अप्रैल-जून, 2018 के दौरान दीनदयाल (कांडला) बंदरगाह ने सर्वाधिक यातायात यथा 29.13 मिलियन टन (16.74 प्रतिशत हिस्सेदारी) का संचालन किया। इसके बाद क्रमशः 26.64 मिलियन टन (15.31 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ पारादीप, 17.73 मिलियन टन (9.98 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ जेएनपीटी, 16.20 मिलियन टन (9.31 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ विशाखापत्तनम और 15.13 मिलियन टन (8.69 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ हल्दिया सहित कोलकाता का नंबर आता है। इन पांचों बंदरगाहों ने कुल मिलाकर प्रमुख बंदरगाह यातायात के लगभग 60 प्रतिशत का संचालन किया।
पीओएल की जिन्स-वार प्रतिशत हिस्सेदारी अधिकतम अर्थात 30.36 प्रतिशत आंकी गई। इसके बाद क्रमश कन्टेनर (20.36 प्रतिशत), ताप एवं वाष्प कोयला (16.26 प्रतिशत), अन्य विविध कार्गो (12.41 प्रतिशत), कोकिंग एवं अन्य कोयला (7.49 प्रतिशत), लौह अयस्क एवं छर्रा (6.47 प्रतिशत), अन्य द्रव (4.06 प्रतिशत), तैयार उर्वरक (1.42 प्रतिशत) और एफआरएम (0.9 प्रतिशत) का नंबर आता है।