रुद्रपुर: हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद ऊधमसिंह नगर जिले में पाॅलीथिन का इस्तेमाल और कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है। हालांकि हाईकोर्ट ने पाॅलीथिन और प्लास्टिक पर रोक का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को कोर्ट में तलब कर पाॅलीथिन और प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित जानकारी मांगी थी। जिलाधिकारियों ने पाॅलीथिन और प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने और कारोबारियों पर जुर्माना ठोकने का दावा किया था, लेकिन चंद दिनों की प्रशासनिक सख्ती के बाद पाॅलीथिन का कारोबार और इस्तेमाल पुराने ढर्रे पर आ गया है। अब हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य में प्लास्टिक एवं पाॅलीथिन उत्पादन करने वाली इकाइयों को बंद करने के आदेश जारी किया है। साथ ही दूसरे राज्यों से इसका आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने 26 बिंदुओं पर आदेश पारित किए थे। अदालत के आदेश के बाद भी इसका पालन न होने पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दोबारा अपील की थी। इसके बाद कोर्ट ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को तलब कर दस्तावेज मांगे थे। जिलाधिकारियों ने पाॅलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के साथ कारोबारियों पर जुर्माना ठोकने की जानकारी हाईकोर्ट को दी थी। हाईकोर्ट के सामने प्रशासनिक पक्ष रखने के लिए प्रशासन ने जिलों में अभियान चलाकर पाॅलीथिन और प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वालों के साथ ही कारोबारियों पर कार्रवाई की थी। हाईकोर्ट के सामने पेश होने के बाद प्रशासन पुराने ढर्रे पर आ गया और ऊधमसिंह नगर जिले में धड़ल्ले से पाॅलीथिन और प्लास्टिक का इस्तेमाल ही नहीं कारोबार भी होने लगा। कारोबारियों और इस्तेमाल करने वालों को अब किसी तरह का कोई खतरा नहीं दिखाई देता है।
देवभूमि में लगातार हो रहे पाॅलीथिन और प्लास्टिक के इस्तेमाल और कारोबार पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी रोक न लगने पर एक और जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद न्यायमूर्ति ने आदेश दिया है कि उत्तराखंड में पाॅलीथिन और प्लास्टिक का सामान बनाने वाली इकाईयों को तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाए। साथ ही दूसरे प्रदेशों से पाॅलीथिन और प्लास्टिक के सामान का आयात न हो इसके लिए चैकिंग की व्यवस्था करने के आदेश हाईकोर्ट ने जारी किया है।
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