सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने फर्जी खबर देने वाले समाचार संगठनों के साथ सरकार द्वारा सख्त रवैया अख्तियार करने का संदेश देते हुए कहा कि करदाताओं को फर्जी खबरों के लिए पैसा नहीं चुकाना चाहिए। इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित एक परिचर्या के दौरान यहां मंगलवार की शाम ईरानी ने कहा कि अखबारों के लिए भारतीय प्रेस परिषद है जिसके पास ऐसे मसले को लेकर कोई भी नागरिक या संगठन जा सकता है।
उन्होंने कहा, “भारतीय प्रेस परिषद के अलावा, मंत्रालय से भी संपर्क किया जा सकता है। हम मामले की जांच के दौरान जब यह पाते हैं कि किसी अखबार में छपी खबर वास्तव में फर्जी है तो हम प्रेस परिषद को इसकी सूचना देते हैं ताकि इसके खिलाफ कार्रवाई हो सके।”
ईरानी ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करते हैं कि फर्जी खबर प्रकाशित करने वाले अखबारों को विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय की ओर से कोई विज्ञापन न मिले।”
उन्होंने कहा कि टेलीविजन पर फर्जी खबर प्रसारित होने पर उद्योग का स्वनियमन निकाय है और मंत्रालय की ओर से फर्जी खबर प्रसारित करने वाले चैनलों की सूचना निकाय को मुहैया करवाई जाती है। इसके बाद नियमन निकाय या मंत्रालय की ओर उस चैनल विशेष से सुधार के कदम उठाने को कहा जाता है।
उन्होंने कहा, “हमें एक रेडियो चैनल पर उत्तेजक विषयवस्तु मिली और हमने उस रेडियो चैनल के राजस्व के रास्ते बंद कर दिए। करदाताओं को फर्जी खबरों के लिए पैसा नहीं चुकाना चाहिए।”
सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा, “मुझे नहीं लगता है कि सोशल मीडिया से कोई खतरा है। प्रौद्योगिकी से बराबरी लाने में बड़ी मदद मिलती है। अगर वहां कोई विषय-वस्तु गलत है है तो लोगों के पास अधिकार है कि उस पोस्ट को सही कर दे। हमारे पास यह संचार का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक साधन है।”
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