चेन्नई: तमिल के वेटरन राइटर, जर्निलिस्ट और थियेटर से जुड़े बुद्धिजीवी ग्नानी शंकरन की आज तड़के मौत हो गयी. वे 64 वर्ष के थे. वे पिछले कुछ समय से डायलिसिस पर थे और सक्रिय सामाजिक जीवन से दूर थे. शंकरन को उनके उत्साही जीवन और साहसिक कार्यों के लिए जाना जाता है . 1980 के दशक की शुरुआत में वे ‘फायरब्रांड’ जर्नलिस्ट के रूप में जाने जाते थे. उन्होंने साहित्य, नुक्कड़ नाटक और थियेटर के क्षेत्र में कई प्रयोग किये थे.
उन्होंने 1981 में कांची कामकोटि के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का एक साक्षात्कार किया था, जो विवादों में आ गया था, क्योंकि उस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि एम करुणानिधि के बीमार होने के लिए प्रार्थना की गयी थी. शंकरन ने आम आदमी पार्टी को ज्वाइंन कर लिया था और वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, बाद में स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.
-प्रभात खबर