नई दिल्लीः भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सूचित किया है कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 और उसके अधीन बनाए गए नियमों और विनियमों में फास्ट फूड को अलग से परिभाषित नहीं किया गया है। तथापि, खाद्य में उच्च वसा, शर्करा और नमक (एचएफएसएस) तथा संबद्ध स्वास्थ्य जोखिमों से निपटने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने एक विशेषज्ञ ग्रुप का गठन किया है। विशेषज्ञ ग्रुप की रिपोर्ट और इसका सार सर्वसाधारण की सूचना के लिए एफएसएसएआई की वेबसाइट www.fssai.gov.inपर अपलोड किया गया है। इसके अलावा, एफएसएसएआई ने पैक लेबल के आमुख पर अनुशंसित ड्रायट्री अलांऊस (आरडीए) के प्रति इसके अंश दान सहित,प्रत्येक सर्विंग में कुल वसा, संयोजित शर्करा, नमक,ट्रांस फैट और ऊर्जा की अनिवार्य घोषणा शामिल करने के लिए लेबलिंग विनियमों को संशोधित करने का निर्णय लिया है।
एफएसएसएआई के पास ऐसी कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। तथापि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ‘वयस्कों और बच्चों के लिए शर्करा इनटेक’ और खाद्य में उच्च शर्करा के दुष्प्रभाव विषयक दिशा-निर्देश विकसित किए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, श्री अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा राज्य सभा में लिखित में उत्तर दिया गया I