मुंबई: राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार मधुर भंडारकर उनकी आगामी विवादित फिल्म ‘इंदु सरकार’ के मामले में फिल्मी बिरादरी के एकजुटता नहीं दिखाने से ‘दुखी’ हैं. फिल्म 1975 के आपातकाल पर आधारित है. इसे सेंसर बोर्ड की पुनरीक्षण समिति ने यू/ए प्रमाण पत्र, दो कट और एक डिस्क्लैमर के साथ पास किया है, जिसके बाद मधुर ने राहत की सांस ली है.
हालांकि, फिल्म इंडस्ट्री से उन्हें कोई भी उनके पक्ष में खड़ा नहीं दिखाई दिया, जबकि ‘उड़ता पंजाब’ और ‘ऐ दिल है मुश्किल’ जैसी फिल्में जब विवादों में पड़ी थीं, तब भंडारकर इसके समर्थन में खड़े थे.
भंडारकर ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “वास्तव में दुख महसूस होता है, क्योंकि बतौर फिल्मकार मैं हमेशा फिल्म बिरादरी के साथ रहा हूं, चाहे वह ‘उड़ता पंजाब’ और ‘ऐ दिल है मुश्किल’ जैसी फिल्में हों या कोई और.. लेकिन उनकी अपनी समस्याएं रहीं, इसलिए आपको तब गुस्सा आता है, जब आप चुनिंदा मौकों पर ही सक्रियता देखते हैं.”
भंडारकर ने दुखी होकर कहा कि आज जो उनके साथ हुआ है, कल वह दूसरों के साथ भी हो सकता है, इसलिए महज अपनी सुविधा के अनुसार समर्थन देना उचित नहीं है. किसी ने भी उनकी फिल्म के बारे में कोई ट्वीट नहीं किया, समर्थन नहीं किया, जिससे उन्हें तकलीफ पहुंची है. साथ ही फिल्ममेकर ने नागपुर और पुणे में फिल्म के प्रचार के दौरान कांग्रेस कार्यकताओं द्वारा विरोध की घटना को भी दुखद बताया.
इससे पहले इस फिल्म में काम करने वाले अभिनेता अनुपम खेर ने आईएएनएस से कहा था कि जैसे ‘उड़ता पंजाब’ की रिलीज के समय फिल्म उद्योग ने एकजुट होकर आवाज बुलंद की थी, वैसे ही इस बार भी करने की जरूरत है.