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फॉक्‍सवैगन इंडिया के लिए रिकॉर्ड वर्ष: 2017 में 150,150 कारों का उत्‍पादन हुआ

उत्तराखंड

देहरादून: पिछले साल से उत्‍पादन में विकास दर्ज करते हुये, फॉक्‍सवैगन इंडिया के पुणे संयंत्र ने 2009 से अपना अब तक का सबसे अधिक वार्षिक उत्‍पादन दर्ज किया है। संयंत्र ने लगातार छठे साल उत्‍पादन में विकास हासिल किया है। घरेलू के साथ-साथ निर्यात बाजारों जहां ‘भारत में निर्मित कारें’ सफल रही हैं, से उच्‍च मांग मिलने से वॉल्‍यूम में बढ़ोतरी हुई है।

फॉक्‍सवैगन पुणे संयंत्र भारत में जर्मनी का एकमात्र कार विनिर्माण संयंत्र है जोकि पार्ट्स की प्रेसिंग से लेकर उनकी फाइनल एसेंबली तक की समूची उत्‍पाद प्रक्रिया को कवर करता है। इस संयंत्र में फॉक्‍सवैगन पोलो, एमियो, वेंटो और स्‍कोडा रैपिड सहित विभिन्‍न वाहनों का उत्‍पादन किया जाता है। कारों के अलावा, इस फैसिलिटी में 1.5 लीटर और 2.0 लीटर डीजल इंजन भी असेंबल किये जाते हैं।

फॉक्‍सवैगन और स्‍कोडा के लिए संयुक्‍त रूप से पुणे संयंत्र से वर्ष 2017 में घरेलू उत्‍पादन 57,000 यूनिट पहुंच गया। वहीं निर्यात की जाने वाली कारों का उत्‍पादन 93,100 यूनिट रहा। इसमें फॉक्‍सवैगन पोलो और फॉक्‍सवैगन वेंटो शामिल थीं। कुल मिलाकर, इस संयंत्र में कुल 870,000 कारों का उत्‍पादन किया गया।

डॉ. एंड्रियाज लॉरमैन, प्रेसिडेंट एवं मैनेजिंग डायरेक्‍टर, फॉक्‍सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, “फॉक्‍सवैगन इंडिया ने एक बार फिर सकारात्‍मक विकास दर्ज किया है- भारत और दुनिया भर में हमारे ग्राहकों का शुक्रिया जिन्‍होंने हम पर भरोसा किया और जिन्‍होंने हमारे उत्‍पादों में निवेश किया। हम शीर्ष गुणवत्‍ता की कारें प्रदान करने में विश्‍वास करते हैं जिन्‍हें ग्राहकों की अपेक्षाओं के अनुसार बनाया जाता है।” उन्‍होंने आगे कहा कि, “फॉक्‍सवैगन भारत को लेकर प्रतिबद्ध है। हमें इस बाजार के सामर्थ्‍य में पूरा विश्‍वास है और हम स्‍वयं को भविष्‍य के लिए एक गंभीर प्रतिस्‍पर्धी के तौर पर स्‍थापित कर रहे हैं।”

फॉक्‍सवैगन पुणे संयंत्र में अभी तक 825 मिलियन यूरो (5720 करोड़ रुपये) से अधिक का निवेश किया जा चुका है। इस संयंत्र ने 82 प्रतिशत (इंजन और संप्रेषण के बगैर) का स्‍थानीयकरण का स्‍तर प्राप्‍त कर लिया है। 3600 कर्मचारियों के जनबल के साथ, यह संयंत्र मार्च 2016 से तीन शिफ्‍ट में परिचालन कर रहा है।

फॉक्‍सवैगन ग्रुप इंडिया के विषय में:

भारत में फॉक्‍सवैगन समूह का प्रतिनिधित्व पांच यात्री कार ब्रांडों द्वारा किया जाता है: ऑडी, लेम्बोर्गिनी, पॉर्शे, स्कोडा, और फॉक्‍सवैगन। फॉक्‍सवैगन समूह पिछले 15 सालों से भारत में मौजूद है। 2001 में इसकी यात्रा की शुरुआत स्‍कोडा ब्रांड के प्रवेश के साथ हुई थी। ऑडी और फॉक्‍सवैगन ने 2007 में भारत में प्रवेश किया था, जबकि पोर्शे और लेम्बोर्गिनी 2012 में शामिल हुए थे। इनमें से हर ब्रांड का अपना चरित्र है और बाजार में एक स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करता है। फॉक्‍सवैगन समूह के भारत में लगभग 30 मॉडल हैं, लगभग 240 डीलरशिप हैं और यह पुणे और औरंगाबाद में दो प्‍लांट्स का संचालन करता है। पुणे प्लांट की हर साल 200,000 कारों (तीन-शिफ्ट सिस्टम में अधिकतम) की विनिर्माण क्षमता है और वर्तमान में यह फॉक्‍सवैगन पोलो, एमियो, वेंटो और स्‍कोडा रैपिड का निर्माण कर रहा है। औरंगाबाद प्लांट ने भारत में ऑडी, स्कोडा और फॉक्‍सवैगन के विभिन्न प्रीमियम और लग्‍जरी मॉडल के पुर्जों को एकत्र कर एसेंबल किया जाता है और इसकी वार्षिक अधिकतम क्षमता लगभग89,000 है। फॉक्‍सवैगन ग्रुप इंडिया फॉक्‍सवैगन एजी का हिस्सा है, जो दुनियाभर में 13 ब्रांडों ऑडी, बेंटले, बुगाटी, डुकाटी, लेम्बोर्गिनी, पोर्शे, स्कैनिया, सीट, स्कोडा, फॉक्‍सवैगन वाणिज्यिक वाहन, एमएएन, फॉक्‍सवैगन पैसेंजर कारों और एमओआईए का प्रतिनिधित्‍व करता है।

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