फॉर्मुला वन सर्किट में सहारा फोर्स इंडिया लगातार अच्छा खेल दिखा रही है लेकिन अब फोर्स इंडिया से भारत का नाम हटने वाला है। भारत के भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या फोर्स इंडिया फार्मूला वन टीम का नाम बदल कर फोर्स वन कर सकते हैं।
माल्या के इस रेसिंग टीम के शीर्ष अधिकारी ओत्मार सजाफनौर ने संकेत दिये हैं कि नाम बदलने से सिल्वरस्टोन स्थित टीम को फायदा मिलेगा। इससे टीम को अधिक वैश्विक प्रायोजन मिलेंगे। इससे पहले दागी बिजनेसमैन माल्या भी खुद कह चुके हैं कि वह टीम का नाम बदलने पर विचार कर रहे हैं।
इस दिशा में पहला संभावित कदम मोटरस्पोर्ट.कॉम को सौंपे गए दस्तावेज हैं जिनसे पता चलता है कि 31 मई से छह जून के बीच लंदन के एक पते पर फोर्स वन नाम से छह कंपनियां रजिस्टर्ड करायी गयी हैं।
इन कंपनियों के एकमात्र डायरेक्टर टी लक्ष्मी कंथन है जो वित्तीय सलाहकार लंबे समय से माल्या से जुड़े हैं। कंथन फोर्स इंडिया के डायरेक्टर भी हैं। फोर्स इंडिया के सीओओ सजाफनौर ने कहा कि टीम का नाम बदलना फायदेमंद रहेगा।
उन्होंने मोटरस्पोर्ट.कॉम से कहा, फोर्स इंडिया का जन्म विजय के स्वामित्व वाली टीम के रूप में हुआ था। उनको उम्मीद थी कि कुछ भारतीय कंपनियां हमें प्रायोजित करेंगी। लेकिन केवल एक दो कंपनियों नहीं इसमें दिलचस्पी दिखायी। उन्हें साथ ही उम्मीद थी कि भारत में ग्रां प्री होगी जो हुई भी। ग्रां प्री होने और दो प्रायोजकों के होने से फोर्स इंडिया नाम का मतलब भी बनता था।
सजाफनौर ने कहा, इसके बाद ग्रां प्री का आयोजन भी नहीं हो रहा है और भारतीय प्रायोजक भी हमारा प्रायोजन करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। अब हमारे पास माल्या के किंगफिशर को छोड़कर कोई भारतीय प्रायोजक नहीं है। इसलिए वैश्विक प्रायोजकों को लुभाने के लिए इसे इंडिया से बदलने और खुद को फोर्स इंडिया तक सीमित नहीं रखने का मतलब बनता है। अगर टीम नाम बदलती है तो इसे मोटरस्पोर्ट की संचालन संस्था फिया से मंजूरी लेनी होगी।