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बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों को फिर से चालू करने के लिए संयुक्‍त समीक्षा बैठक आयोजित

बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों को फिर से चालू करने के लिए संयुक्‍त समीक्षा बैठक आयोजित
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नई दिल्लीः पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधीनस्‍थ बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों की पुनरुद्धार योजनाओं पर रसायन एवं उर्वरक और संसदीय कार्य मंत्री श्री अनंत कुमार की अध्‍यक्षता में आयोजित एक संयुक्‍त बैठक में भाग लिया। इस बैठक में विद्युत, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और खान राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग, रसायन एवं उर्वरक राज्‍य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने भी इस बैठक में भाग लिया।

     श्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक संवाददाता सम्‍मेलन के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए पूर्वी भारत के त्‍वरित विकास से संबंधित माननीय प्रधानमंत्री के विजन पर विशेष जोर दिया, जो भारत के समग्र विकास के लिए अत्‍यंत आवश्‍यक है। उन्‍होंने पूर्वी भारत में त्‍वरित विकास का उल्‍लेख करते हुए कहा कि कृषि पर केन्द्रित पूर्वी भारत में व्‍यापक ढांचागत निवेश पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जिससे इस क्षेत्र में द्वितीय हरित क्रांति को बढ़ावा मिलेगा। श्री प्रधान ने यह भी कहा कि बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों को फिर से चालू करने और पूर्वी भारत को राष्‍ट्रीय गैस ग्रिड से जोड़ने हेतु गैस पाइपलाइन नेटवर्क की स्‍थापना के लिए 50,000 करोड़ रुपये का व्‍यापक निवेश किया जा रहा है।

    पेट्रोलियम मंत्री ने यह जानकारी दी कि गोरखपुर (उत्‍तर प्रदेश), बरौनी (बिहार) और सिंदरी (झारखंड) तथा तलछर (ओडिशा) स्थित उर्वरक संयंत्रों का पुनरुद्धार, 2650 किलोमीटर लम्‍बी प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन और धामरा (ओडिशा) स्थित एलएनजी टर्मिनल की स्‍थापना इस बुनियादी ढांचागत निवेश के महत्‍वपूर्ण अवयव होंगे।

     श्री प्रधान ने बताया कि गोरखपुर (उत्‍तर प्रदेश), बरौनी (बिहार) और सिंदरी (झारखंड) स्थित उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार के लिए 20,000 करोड़ रुपये निवेश किये जाएंगे।

   पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि ओडिशा स्थित तलछर उर्वरक संयंत्र का पुनरुद्धार 8000 करोड़ रुपये के निवेश से  किया जा रहा है। यह निवेश एफसीआई, गेल, राष्‍ट्रीय केमिकल्‍स एंड फर्टिलाइजर्स और कोल इंडिया लिमिटेड के एक कंसोर्टियम द्वारा किया जा रहा है। भारत में पहली बार किसी उर्वरक संयंत्र का परिचालन कोयला गैसीकरण प्रौद्योगिकी पर आधारित होगा।

     इन चारों प्रमुख उर्वरक संयंत्रों में उत्‍पादन होने पर उर्वरक के घरेलू उत्‍पादन के साथ-साथ इसकी उपलब्‍धता भी बढ़ जाएगी, जिससे अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण कृषि क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा और इससे द्वितीय हरित क्रांति में मदद मिलेगी। इन संयंत्रों से जुड़ा बुनियादी कार्य वित्‍त वर्ष 2017-18 में शुरू होगा।

    श्री प्रधान ने यह भी जानकारी दी कि लगभग 13000 करोड़ रुपये के निवेश से 2650 किलोमीटर लंबी जगदीशपुर-हल्दिया एवं बोकारो-धामरा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन (जेएचबीडीपीएल) परियोजना गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित की जा रही है, जो ‘प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा’ के नाम से जानी जाती है। यह पाइपलाइन उत्‍तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से होकर गुजरेगी। उत्‍तर प्रदेश और बिहार में इस पाइपलाइन परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

     श्री प्रधान ने यह भी बताया कि 6000 करोड़ रुपये के निवेश से ओडिशा के धामरा में एक एलएनजी टर्मिनल स्‍थापित किया जा रहा है।

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