लखनऊ: वैशविक आतंकवाद के खिलाफ और मुसलमानों की समस्याओं पर विचार-विमर्श के लिए लखनऊ के ऐतिहासिक बड़े इमामबाड़े में (आसिफी इमामबाड़ा) 25 मार्च को दिन में 1 बजे में शिया व सूफी सद्भावना सम्मेलन का आयोजन हुआ।सम्मेलन में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और कौमी समस्याओं पर गौर किया गया गया। सम्मेलन में सभी शिया व सुफी हजरात ने कहा कि हमेशा सूफी और ओलिया ए किराम ने इसलाम और सीरते मौहम्मद व आले मौहम्मद अ0स0 और अजादारी की तबलीग के लिये हिन्दुस्तान में एहम काम किया है जिनमें हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती, हजरत निजामुद्दीन औलिया,बू अली शाह कलंदर, हजरत बदीउदीन कुत्ब उल मदार, हजरत साबिरे पाक, हजरत बकाउल्लाह शाह, हजरत वारिस पाक, हजरत शाह सैयद अब्दुल रज्जाक, हजरत मखदुम शाहमीना, हजरत शेख उल आलम रदुली शरीफ, हजरत शाह नियाज बेनियाज, हजरत सैयद मसुद सालार गाजी, हजरत मखदूम शैख सारंग,और अन्य महत्वपूर्ण बुजुर्ग सुफीयों और ओलियए किराम ने अजादारी और सीरते मौहम्मद व आले मौहम्मद स0अ0 को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भी जरूरत है कि एसे बुजुर्गों की शिक्षाओं और तालीमात को आम किया जाये।
सम्मेलन का आगाज कारी मासूम मेहदी ने तिलावते कुरान से किया। प्रथम तकरीर करते हुए सम्मेलन के संस्थापक मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य यह है कि इस्लाम के नाम पर दुनिया भर में जो आतंकवाद फेल रहा है और उसके छींटे मुसलमानों के दामन पर आ रहे हैं उसे बेनाकाब किया जाए, मौलाना ने कहा कि जो बेगुनाहों की हत्या कर रहे हैं उनका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है,जिस इस्लाम में एक व्यक्ति की हत्या पूरी मानवता की हत्या मानी जाती हों ,वह इसलाम बेगुनाहों की हत्या कैसे स्वीकार कर सकता है? कुरान में हैं कि यदि तुमहारा हलका सा मेलान भी जुल्म की तरफ हुआ तो तुम्हारा ठिकाना नरक होगा,तो जब जुलम की तरफ मेलान रखने वाले का ठिकाना नरक है तो उनका क्या अंजाम होगा जो अत्याचार और आतंकवाद कर रहे है।
श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि अगर पश्चिम और सभी इस्लाम दुश्मन ताकतें इस्लामी सभ्यता को अपनालें तो समस्या हल हो जाएं गी।शाह वलीउल्लाह बकाई ने कहा कि हम आतंकवाद के विरोधी हैं और उस मानसिक्ता के विरोधी हैं जो चरमपंथ को बढ़ावा दे रही हैं। मौलाना हबीब हैदर ने कहा कि अगर आतंकवाद धार्मिक विश्वासों से मुताआसिर हो कर आतंकवाद फैला रहे तो यह इबादतगाहों और पूजा स्थलों के बजाय शराब के अड्डों और जुए खानों को निशाना बनाते मगर पूजा स्थलों और इबादतगाहों को निशाना बनाना बताता है कि उन्का इस्लाम से कोई संबंध नहीं है। मौलाना कारी अबदुल मन्नान इमाम टीले वाजी मस्जिद ने अपने भाषण में कहा, हम हुसैनी हैं और हर यजीदी फिक्र के खिलाफ है।मुफ्ती शजर अली मदारी ने अपने भाषण में कहा कि पहली बार शिया और सूफियों और सुन्नियों के इतना भव्य सम्मेलन देखा गया है। हम मांग करते हैं कि हमारे वकफ की जमीनों का संरक्षण किया जाए और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्यवाही हो।शाह हसनैन अहमद ने अपने भाषण में कहा कि खुदा ओर उसके रसूल की सुन्नत का पालन न करने वाले ही आतंकवाद फैला रहे है।शबीर अली वारसी कलकतवी ने अपने भाषण में कहा कि वारसी उसे कहते हैं जिसके वारिस हजरत अली अवस0 होते है, उन्होंने कहा कि हम खुल कर कहते हैं कि हम हुसैनी हैं क्योंकि जब दुश्मन अपने यजीदी होने पर शर्मिंदा नहीं तो हमें अपने हुसैनी होने पर गर्व क्यों नहीं करें? उनहोने कहा कि आज मुसलमानों के हालात इस लिये बदतर है कियोंकि उन्होंने दामने अहलेबैत अ0स0 को छोड़ दिया है। अगर अहलेबैत के दामन से वाबस्ता रहते तो आज दुनिया में उन्हें गिरी हुई निगाहों से न देखा जाता।मौलाना सफदर हुसैन जौनपुरी ने कहा कि जो लोग शिया और सूफियों को दबाना चाहते वे आकर इस महान सभा को देखें तो समझ जाएंगे कि शिया ओर सुफी की शक्ति कितनी है। मौलाना हसनेन बकाई ने कहा कि सभी खानकाहे मौलाना कलबे जवाद नकवी के साथ हैं। हम अपने अधिकारों की सुरक्षा और वक्फ की रक्षा करने की मिल कर कोशिश करेंगे।
उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने समापन भाषण देते हुए इस भव्य सम्मेलन पर मौलाना कल्बे जवाद नकवी की भरपूर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने हमेशा मातृभूमि की सुरक्षा की है और देश के विकास के लिए गंभीरता से प्रयास कियें है। उन्होंने कहा कि हमें इमाम हुसैन अ0स0 कीशहादत से सबक लेने की जरूरत है, इमाम हुसैन की भूमिका यह है कि उन्होंने स्वंय प्यासे रहकर अपने दुश्मन को पानी पिलाया है। आतंकवाद का मुकाबला इमाम हुसैन अ0स0 ने उस समय किया था तो आज भी उनके मानने वाले आतंकवादियों और उस मानसिक्ता का मुकाबला कर रहे है। सम्मेलन में डॉ सैयद कलबे सादिक नकवी भी उपस्थित थे।
उनके अलावा श्री इमरान सिद्दीकी, सैयद वकास वारसी ,सवामी सारगं ,अरशद जाफरी ,मरशोद अली कादरी कलकतवी, मौलाना जाबिर अली जूरासी, मोईनुद्दीन चिश्ती, सयदी मियां, नोरूउल अरफात और अन्य ओलमा नऔर सूफी हजरात ने तकरीर की।
सम्मेलन में शिया और सूफी हजरात ने सर्वसम्मति से निमिलिखित माॅगांे को पास किया। साथ ही यह भी तय हुआ कि बैठक में स्वीकृत मांगों की सभी बिंदुओं को ज्ञापन के रूप में आवश्यक कार्यवाही के लिए भारत सरकार को भेजा जाएगा।
माॅगें ।
1। ये महान सम्मेलन इस्लाम के नाम पर होने वाले आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आतंकवादी दलों के समर्थक देशों और उनके नमकखार मुल्लाओं जो कुरान और सीरत मौहम्मद व आले मुहम्मद अ0स0 के विपरीत बेगुनाहों की हत्या कर रहे हैं और आतंकवाद के समर्थन में फतवे देकर इसलाम और मुसलमानों के दामन को कलंकित करने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी कड़ी निंदा करते हैं।यह सम्मेलन देश के युवाओं को संदेश देना चाहता है कि वह इस क्रूर और इस्लाम विरोधी मानसिकता और संगठनों एवं इस्लाम दुश्मन ताकतों और उनके खरीदे हुये एजेंटों के फरेब में न आयें।
2.यह सम्मेलन मांग करता है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हजरत इमाम हुसैन अ0स0 और उनके साथियों की शहादत के दर्स को अधिक आम किय जाये और इमाम हुसैन अ0स0 के किरदार के माध्यम से जुल्म एवं बर्बरता के खिलाफ आवाज बुलंद की जाये।
3.हिन्दुस्तान में शिया व सूफी और मोहम्मद व आले मोहम्मद अ0स0 की सीरत का पालन करने वालों का बहुमत है, इस लिये यह सम्मेलन भारत सरकार से मांग करता है कि शिया और सूफियों को उनकी संख्या के लेहाज से केंद्रीय और राज्य स्तर पर सभी सरकारी विभागों में प्रतिनिधित्व दिया जाये।
4.ये सम्मेलन ईराक में आई0एस0 आई0एस0 द्वारा 39 भारतीयों की हत्या की कडी निंदा करता हैं।
- देशपे्रम, राष्ट्रीय एकता और मानवता पे्रम को बढ़ावा देना हमारा मकसद है और इनके प्रचार प्रसार की हर कोशिश की जायेगाी।
- यह सम्मेलन सरकार से माॅग करता है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले सभी मुल्लाओं और संगठनों और जो लोग उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं, की पहचान करके तत्काल कानूनी कार्यवाही की जाये।
- अलग-अलग केसों में जेलों में बंद मुसलमान युवाओं के सभी केसों मंे निष्पक्ष और पारदर्शी जाॅच कराई जाये और निर्दोष लोगों की रिहाई को सुनिश्चित बनाया जाये।
8.हिन्दुस्तान की सभी वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिये तथा भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों,खास कर उत्तरप्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और सदस्यों के आपराधिक कार्यों की त्वरित जांच कराई जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
- देश के सभी मुसलमानों विशेष कर शिया और सूफीयों के शैक्षिक और आर्थिक पिछड़ेपन को दुर करने के लिए सरकार एहम कदम उठाये और उन्हें विशेष पैकेज दिया जाये।
- मौजूदा सऊदी अरब में जो धार्मिक स्थल व पवित्र रौजे ढाये गए हैं उन्हें जल्दी तामीर किया जाये। यह इज्तेमाअ सऊदी अरब द्वारा धार्मिक स्थलों के ढाये जाने की कड़ी निंदा करता हैं