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बसंतोत्सव 2018 के सम्बंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुएः राज्यपाल डाॅ कृष्ण कांत पाल

उत्तराखंड

देहरादून: इस वर्ष राजभवन में बसंत उत्सव का आयोजन दिनांक 24 व 25 फरवरी को किया जाएगा। उत्तराखण्ड के उच्च स्थानों पर पाये जाने वाले ‘जम्बू’(Allium auriulatum)   पुष्प पर स्पेशल पोस्टल कवर, डाक विभाग के सौजन्य से जारी किया जाएगा। मंगलवार को राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बसंत उत्सव के आयोजन के संबंध में अनेक निर्णय लिए गए।

राज्यपाल ने कहा कि बसंत उत्सव के अवसर पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में अधिक से अधिक स्कूली बच्चों को प्रतिभाग करने के लिए पे्ररित किया जाए। पोस्टल कवर के लिए ऐसे पौधे को लिया जाए जो कि उत्तराखण्ड से जुड़ा हो। इस पर  व्यापक विचार विमर्श के बाद स्पेशल पोस्टर के लिए ‘जम्बू’(Allium auriulatum)  पर सहमति व्यक्त की गई। यह हिमालय में पाया जाने वाला पौधा है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर है। उत्तराखण्ड के उच्च पर्वतीय भागों में स्थानीय लोगों द्वारा इसका उपयोग औषधी के साथ सब्जी व मसालों के रूप में भी किया जाता है।

राज्यपाल ने कहा कि बसंत उत्सव के आयोजन के पीछे उद्देश्य है कि उत्तराखण्ड में फ्लोरीकल्चर व ऐरोमेटिक पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाए। फूलों की खेती के माध्यम से किसानों की आय को दोगुनी करने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है। उद्यान विभाग केवल बसंत उत्सव तक सीमित न रहे बल्कि इन प्रयासों को लेकर बागवानों, काश्तकारों तक पहुंचे। राज्यपाल ने कहा कि इस आयोजन को ऐसा स्वरूप देना होगा कि दूर-दराज के पुष्पोत्पादन, जड़ी-बूटी, सगन्ध पौधों तथा अन्य जैविक उत्पादों की व्यावसायिक खेती से जुड़े काश्तकारों/उत्पादकों व ग्राहकों के लिए मंच के रूप में स्थापित हो सके। इन व्यवसायों से जुड़े काश्तकारों को मार्केट भी उपलब्ध करवाने के प्रयास करने होंगे।

बताया गया कि पुष्प प्रदर्शनी  आम जनता के लिए 24 फरवरी को दोपहर 12 बजे से सांय 6 बजे तक व 25 फरवरी को सुबह 8 बजे से सांय 6 बजे तक खुली रहेगी। इस वर्ष कुल 9 श्रेणियों में 147 पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। 24 फरवरी की सायं संस्कृति विभाग के सौजन्य से लोक कलाकारों द्वारा राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक प्रस्तुत की जायेगी। आईएचएम व जीएमवीएन के सौजन्य से फूड कोर्ट भी लगाए जाएंगे।  आई.टी.बी.पी, आई.एम.ए अपने बैण्ड के साथ ही अन्य विशिष्ट प्रदर्शनों द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी। उत्सव में 34 विभाग व संस्थाएं प्रतिभाग करेंगी। 25 फरवरी को  ‘पुष्प प्रदर्शनी’ के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत करने के साथ ही दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन होगा।

इस वर्ष भी व्यावसायिक, निजी पुष्प उत्पादकों सहित विभिन्न सरकारी उद्यानों की पुष्प प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, पुष्प आधारित रंगोली, विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। फूलों तथा प्राकृतिक सौन्दर्य पर आधारित फोटो प्रदर्शनी, पेंटिंग तथा विशेष डाक टिकटों की प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी। पुष्प प्रदर्शनी/प्रतियोगिता हेतु विभिन्न श्रेणियों की कई प्रतियोगिताएं प्रस्तावित हैं जिनमें कट फ्लावर, पौटेड प्लांट अरेंजमैंट, लूज फ्लावर अरेंजमैंट, हैंगिंग पाॅट्स जैसी सभी प्रतियोगिताओं के साथ-साथ ‘आॅन द स्पाॅट फोटोग्राफी’ भी आयोजित होगी।

राज्यपाल ने बैठक में प्रदर्शनी के प्रतिभागियों, आगन्तुकों तथा आयोजकों के लिए खान-पान, पेयजल, अस्थाई शौचालय, प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा, जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं/सुविधाएं शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने के साथ ही स्वच्छता, सुरक्षा तथा पार्किंग व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव राज्यपाल श्री रविनाथ रमन, सचिव श्री दिलीप जावलकर, श्री अरविंद सिंह हयांकि सहित पर्यटन, उद्यान, आई.टी.बी.पी, आई.एम.ए, ओ.एन.जी.सी, आई.आई.टी, रूड़की, आई.एच.एम, जी.एम.वी.एन, पर्यटन, मौसम, भारतीय डाक, वन विभाग, पुलिस, संस्कृति, वित्त तथा उद्यान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न केन्द्रीय एवं राजकीय विभागों/संस्थानों के वरिष्ठ प्रतिनिधि आदि भी उपस्थित थे।

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