मथुरा के वृन्दाबन में रक्षाबंधन पर जगप्रसिद्व ठाकुर श्रीबांकेबिहारी को देश-विदेश से अपने आराध्य को राखियां आई हैं। बहनें कान्हा से अपनी-अपनी मनोकमानाओं के साथ गुहार लगा रही हैं। भैया शादी है व्यवस्थाएं संभाल लेना…बहनों की कान्हा से गुहार,
भाई-बहन के प्रेम के प्रतीकोत्सव रक्षाबंधन पर अपने प्यारे भैया बांकेबिहारी के लिए 10 हजार से भी अधिक बहनों ने राखियां भेजी हैं। पोस्ट अथवा कोरियर द्वारा देश-विदेश के अनेक स्थानों से निरंतर आ रहीं रक्षाबंधन सामग्री में राखियों के साथ ही साथ बहनों द्वारा बांकेबिहारी भैया को संबोधित भावभीनी नेहभरी पातियां अवश्य भेजी जा रही हैं, जिनमें वह अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते हुए बिहारीजी से भाई के रूप में ताउम्र साथ निभाने का वचन मांग रही हैं।
सेवायत गोस्वामी समाज व मंदिर कार्यालय में राखिया आई है, इस बार आए अनेक मार्मिक पत्रों को मंदिर प्रबंधन द्वारा दिखाए गए हैं।
सेवायत प्रहलाद गोस्वामी ने बताया कि एक पत्र में अंबाला की रूचि लिखती हैं कि सुनो बांके भैया मेरी शादी 6 दिसंबर की है, उसमें आप एक दिसंबर को ही पहुंचकर सारी व्यवस्थाएं संभाल लेना और राधारानी को भी लेकर आना। पापा का काम सही न चलने की वजह से मम्मी चिंता करती हैं।
गौरी ने राखी बंधन उपहार स्वरूप में कान्हा भैया से आत्मनिर्भर बनाने के लिए अध्यापिका बनाने की गुजारिश की है, तो श्रद्धा ने कोई भाई न होने पर बचपन से ही राखी भेजने की याद दिलाई है। सुमित्रा ने अपनी बीमार मां को स्वस्थ करने की गुहार लगाई है तो नेहा ने बिहारी भैया से अपने भांजे का मन पढ़ाई में लगाने का आग्रह किया है। एक अन्य बहन ने लिखा है कि मेरे तीनों भाई और माता-पिता आपके श्रीचरणों में जा चुके हैं और अब मेरे जीवन के सारे कार्य आपको ही संभालने हैं। इनके अलावा शिमला की सरला महाजन व पुखरायां की निर्मला आदि हजारों बहनों ने अत्यंत भावुक पत्र प्रेषित किए हैं।
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