नई दिल्लीः केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की 89वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) को संबोधित किया। श्री सिंह ने इस अवसर पर आईसीएआर को उसके 88 गौरवशाली वर्ष पूरे होने पर बधाई दी है और तमाम चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद कृषि प्रणाली को विकसित करने और कृषि उपत्पादकता बढ़ाते हुए देश में किसानों, विशेषतौर पर छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि लाने में बड़ी सफलता हासिल करने के लिए संस्थान की सराहना की।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आईसीएआर द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के माननीय प्रधान मंत्री जी के विजन को सफल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त आईसीएआर ने नई तकनीकों के विकास, एकीकृत कृषि प्रणाली, संस्थान निर्माण, मानव संसाधन, कृषि का विविधीकरण, नए अवसर पैदा करना तथा जानकारी के नए स्रोतों के विकास के लिए भी उल्लेखनीय कार्य किया है। आईसीएआर, भारतीय कृषि को वास्तविक अर्थों में और अधिक टिकाऊ और लाभप्रद बनाने के लिए प्रतिबदध है। इस मौके पर माननीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, एवं श्रीमती कृष्णा राज तथा कृषि और किसान कल्याण तथा पंजायती राज राज्य मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला भी उपस्थित थे।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार, वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा कृषि क्षेत्र और किसानों की बेहतरी के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि उनका पूरा ध्यान किसानों के कल्याण पर केन्द्रित है। वर्ष 2018 के बजट में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है। इस बार के बजट में पहली बार ग्रामीण परिव्यय में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में सरकार द्वारा शुरू की गईं अनेक नीतिगत पहलों के परिणामस्वरूप मौजूदा वर्ष में देश में खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। वर्ष 2017-18 में देश में कुल 275.68 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ है जो कि वर्ष 2013-14 के 265.04 मिलियन टन की तुलना में 10.64 मिलियन टन (लगभग 4 प्रतिशत) ज्यादा है। वर्तमान वर्ष का उत्पादन 2011-12 से 2015-16 के औसत खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में लगभग 19 मिलियन टन ज्यादा है।
उन्होंने 2016-17 में बागवानी क्षेत्र में रिकॉर्ड उत्पादन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह आंकड़ा 305 मिलियन टन पर पहुंच गया है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 4.8 प्रतिशत ज्यादा है। फलों का उत्पादन 93 मिलियन टन और सब्जी उत्पादन 178 मिलियन टन के आंकडे को पार कर गया है। इस उपलब्धि को हासिल करने में आईसीएआर द्वारा विकसित उन्नत तकनीकों का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि बागवानी उत्पादन के मामले में भारत को विश्व में प्रथम स्थान पर पहुंचाने के लिए उन्हें अपने किसान भाइयों और वैज्ञानिकों पर गर्व है।
कृषि मंत्री ने कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याओं से निपटने में मदद करने के लिए आईसीएआर द्वारा देश के सभी 15 कृषि जलवायु क्षेत्रों को शामिल करते हुए कुल 45 एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल (IFS) तैयार किए गए हैं। इन मॉडलों को देशभर में फैले कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके साथ ही आईसीएआर द्वारा कुल 623 जिला आकस्मिकता योजनाओं को विकसित करके उनका प्रमाणन किया गया और इनमें लगभग 40.9 लाख किसानों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किए गए।
भारत सरकार की पहल ”सॉयल हेल्थ कार्ड’ में सहयोग करने के तहत मिट्टी की जांच के लिए छोटी प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं। आईसीएआर ने देशभर में फैले अपने कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से 29 राज्यों में जलवायु अनुकूल तकनीकों को प्रदर्शित किया है। आईसीएआर द्वारा कुल 42 जैविक कृषि प्रौद्योगिकियां विकसित की गईं जिनका परीक्षण करने के बाद इनमें और सुधार किया गया है।
किसानों तक विज्ञान की पहुंच बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा एक नया कार्यक्रम ‘मेरा गांव – मेरा गौरव’ प्रारंभ किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत 4 वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा 5 गांवों को अंगीकृत किया जाता है और वहां किसानों को कृषि संबंधी परामर्श एवं जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। इस वर्ष आईसीएआर के संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के अंतर्गत 4774 वैज्ञानिकों को शामिल करके कुल 1226 वैज्ञानिक टीमें बनाई गई। इस कार्यक्रम से कुल 9,76,033 किसान और 5,346 गांव लाभान्वित हुए।
इसके अलावा भी सरकार ने किसानों के हित में कई कार्यक्रम शुरू किए हैं जिनमें कृषि विस्तार, संकल्प से सिद्धि, मेरा गांव, मेरा गौरव, ढांचागत विकास, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रमुख हैं।