नई दिल्ली: केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि बाघ वाले वन, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है। आज विज्ञान भवन में वैश्विक बाघ दिवस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री महोदय ने इस बात पर बल दिया कि बाघ स्वस्थ पर्यावरण का प्रतीक है। उन्होने कहा कि बाघों पर मंडराते खतरे की आशंका को देखकर इनके संरक्षण के प्रयासो में कोई कसर नही छोड़ी जा रही है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में मौजूद बाघ संरक्षकों, स्वयं सेवी संगठनों एवं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या को दुगुना करने का सेन्ट पीटर्सबर्ग घोषणा का लक्ष्य सीमित है। लेकिन इस सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रों को निरन्तर ध्यान देना होगा। उन्होने कहा कि बाघ संरक्षण दिवस किसी विशेष दिवस पर आयोजित नही होना चाहिए बल्कि इसे हर दिवस के प्रत्येक क्षण में बाघों के संरक्षण की भावना के साथ मनाया जाना चाहिए।
पर्यावरण मंत्री इस अवसर पर बच्चों की उपस्थिति से बेहद प्रभावित हुए। उन्होने कहा कि वे प्रतिदिन एक छोटे से अच्छे कार्य करने का उत्तरदायित्व ले, अन्य लोगों को ऐसा हितैषी, पर्यावरण की सुरक्षा व बाघ संरक्षण की सुरक्षा के लिए पर्यावरण हित का कार्य करने का उत्तरदायित्व ग्रहण करे तथा मानव के मित्र जीवों के लिए कार्य करे और अपने हृदय और आत्मा को अच्छे कार्यों के लिए ईमानदारी और निष्ठा से जोड़ दे। उन्होने कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन एक नेक और पर्यावरण हितैषी कार्य का उत्तरदायित्व लेता है तो हम 125 करोड़ नेक और पर्यावरण हितैषी कार्यों को पूरा कर लेंगे। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जिस दिन यह कार्य सम्पन्न हो जाएगा तब भारत विश्वगुरू हो जाएगा।
मंत्री महोदय ने सुझाव दिया कि समाज में किसी भी संदेश के प्रसार के लिए बच्चों से श्रेष्ठ व सकारात्मक संदेश वाहक नही हो सकता। डॉ. हर्षवर्धन ने बच्चों के लिए अनुशासन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होने कहा कि इस दिशा में अध्यापक विशेष भूमिका निभा सकते है। अनुशासन को किसी भी कीमत पर अनदेखा नही किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर मंत्री महोदय ने (टाईगर रिजर्व) बाघ रक्षित क्षेत्रों की सुरक्षा और लेखा परीक्षण के संचालन के लिए प्रोटोकॉल भी जारी किया। मंत्री महोदय ने बाघ संरक्षण मानदण्ड प्रमाणन सीए/टीएस पुरस्कार उत्तराखण्ड के लेन्सडाउन वन मंडल को प्रदान किया। इस डिविजन ने बाघों की सुरक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। सीए/टीएस डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा विकसित किया गया है। यह टाईगर रेंज देशों में बाघ संरक्षण के लिए कार्य करता है।
इस अवसर पर कलाकार श्री रंदीप हुड्डा ने कहा कि बाघ भारतीय विरासत का प्रतीक है। उन्होने लोगों से अनुरोध किया कि वह बाघ संरक्षण के लिए स्वयं को समर्पित करे। और लोगों को जागरूकता का संदेश दे।