14.8 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बाढ़ नियंत्रण परिषद स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुएः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

बाढ़ नियंत्रण परिषद स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुएः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि व्यापक परिणाम देेने वाली बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि अनावश्यक राजकीय धनराशि का व्यय रोक कर पूर्व में संचालित परियोजनाओं को पहले पूरा किया जाए, जिससे संचालित अधूरी परियोजनाओं का लाभ जनता को शीघ्र मिल सके और राज्य सरकार पर पड़ने वाले अनावश्यक व्यय भार को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण के लिए बनाए गए सभी बन्धों का गहनता से निरीक्षण कराकर जहां आवश्यक हो वहां मरम्मत कार्य युद्धस्तर पर कराया जाए। बाढ़ नियंत्रण के लिए संचालित सभी अधूरी परियोजनाओं को 15 जून, 2017 तक पूरा कराया जाए अन्यथा बाढ़ से होने वाली जन-धन हानि के लिए सम्बन्धित क्षेत्र के अभियन्ता जिम्मेदार होंगे।

मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में बाढ़ नियंत्रण परिषद स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। स्थायी समिति की यह बैठक 21 वर्ष बाद आयोजित हुई थी। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण के लिए पहले से संचालित 189 परियोजनाएं अधूरी हैं, ऐसे में पुनः 107 नई परियोजनाओं को शुरू करने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अधूरी सभी परियोजनाओं की गहन समीक्षा करते हुए उनकी प्राथमिकता तय कर उन्हें पूरा किया जाए। साथ ही, नई परियोजनाओं का पुनः व्यापक परीक्षण कराकर उनकी उपयोगिता को परखा जाए। इसके पश्चात समिति के समक्ष परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के प्रस्ताव रखे जाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आवश्यक परियोजनाओं के लिए धनराशि की कमी नहीं होने देगी, लेकिन अनावश्यक परियोजनाओं को कतई चलने नहीं देगी।

श्री योगी ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण की परियोजनाओं पर विभागीय अधिकारियों का प्रभावी नियंत्रण न होने के कारण आपराधिक छवि के ठेकेदारों द्वारा राजकीय धन का दुरुपयोग करते हुए परियोजना को पूरा करने मंे काफी समय लगाया जाता है, उसकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं होती। इस प्रवृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगाने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक परियोजना में निर्धारित मानकों एवं गुणवत्ता का पालन सुनिश्चित कराया जाए। कि भविष्य में बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थायी समिति की बैठक प्रत्येक दशा में दिसम्बर तक सुनिश्चित करायी जाए, जिससे परियोजनाओं को पूरा करने के लिए समय से धनराशि की व्यवस्था बजट में की जा सके। उन्होंने संचालित परियोजनाओं के सम्बन्ध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे परियोजनाओं की गुणवत्ता के सम्बन्ध में स्थानीय जनता को भी जानकारी मिलने में सहूलियत होगी।

मुख्यमंत्री ने पुराने तटबन्धों के रख-रखाव के लिए प्रतिवर्ष मिलने वाली धनराशि की जानकारी प्राप्त करते हुए इस बात पर असंतोष व्यक्त किया कि काफी दिनों से तटबन्धों की जरूरी मरम्मत नहीं की गई। इसके परिणाम स्वरूप कई जनपदों में तटबन्धों के टूटने के कारण स्थानीय जनता को कठिनाइयों का सामना पड़ा। उन्होंने आगाह किया कि इस प्रवृत्ति को आगे नहीं चलने दिया जाएगा और यदि कोई तटबन्ध मरम्मत के अभाव में टूटता है तो इसके लिए सम्बन्धित अभियन्ता की जिम्मेदारी निश्चित रूप से तय की जाएगी। उन्होंने बाढ़ की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील 23 जनपदों की चर्चा करते हुए कहा कि इनसे सम्बन्धित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा कराया जाए।

गत वित्तीय वर्ष के अन्त में जिन लगभग 28 परियोजनाओं की शेष धनराशि अवमुक्त की गई थी, उनकी कार्य गुणवत्ता के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए श्री योगी ने कहा कि उच्चस्तरीय अधिकारियों की टीम गठित कर इनका निरीक्षण कराकर अद्यतन स्थिति से अवगत कराया जाए। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर जाकर परियोजनाओं की प्रगति एवं गुणवत्ता का परीक्षण लेने के निर्देश देते हुए कहा कि विभागाध्यक्ष स्तर पर स्थायी रूप से एक ऐसी तकनीकी टीम बनायी जाए जो प्रति सप्ताह क्रमशः परियोजनाओं का मौके पर निरीक्षण कर शासन स्तर पर आख्या प्रस्तुत करें। उन्हांेने कहा कि इस विभाग का दायित्व है कि वह प्रदेश की जनता को बाढ़ जैसी आपदा से बचाने के लिए पहले से तैयारी करें। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में सिंचाई मंत्री श्री धर्म पाल सिंह, बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, सिंचाई राज्य मंत्री श्री बलदेव ओलख सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More