नई दिल्ली: देश में बिजली क्षेत्र के लिए कोयले की कोई कमी नहीं है। वित्त वर्ष 2018-19 के शुरुआत में कोल इंडिया लिमिटेड के पास 55.55 मिलियन टन कोयले का भंडार मौजूद था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कोल इंडिया ने बिजली संयंत्रों को 122.2 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति की। बीत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में यह आपूर्ति 15 प्रतिशत अधिक रही। बिजली संयंत्रों के लिए कोयले की आपूर्ति बढ़ने से कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों की क्षमता में पहली तिमाही में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
एक अंतर मंत्रालयी उप-समूह बिजली क्षेत्र के लिए कोयले की आपूर्ति की नियमित निगरानी करता है। इस समूह में बिजली, कोयला, रेलवे और जहाजरानी मंत्रालय तथा केन्द्रीय बिजली प्राधिकरण नीति आयोग और कोल इंडिया का प्रतिनिधित्व है।
रेल, कोयला, वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।