पटना: मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर बिहार की राजनीति में जारी खींचतान बुधवार को अपने चरम पर पहुंच गई. जेडीयू विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलने पहुंचे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. इस तरह तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर महागठबंधन में चल रही राजनीतिक कलह खुलकर सामने आ गई और राज्य में सियासी संकट खड़ा हो गया है.
इससे पहले हुई आरजेडी की बैठक के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर कहा था कि तेजस्वी यादव इस्तीफ़ा नहीं देंगे.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी से इस्तीफ़ा मांगा ही नहीं है. लालू यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी नीतीश पर डोरे डाल रही है, बीजेपी की लार नीतीश पर टपक रही है. उन्होंने कहा कि नीतीश से मेरी बात होती रहती है, वही महागठबंधन के नेता हैं. वहीं तेजस्वी यादव ने भी कहा कि जनता ने महागठबंधन को चुना है, इस्तीफ़ा जब मांगा ही नहीं गया तो देने का सवाल ही नहीं है.
लेकिन सूत्रों का कहना है कि लालू यादव ने पार्टी की मीटिंग में अपने विधायकों से कहा था कि वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को हटा सकते हैं. भ्रष्टाचार के अन्य आरोपों में अदालत के आदेश के चलते लालू यादव अगले तीन दिन तक रांची में रहेंगे, ताकि वह मामले की सुनवाई में शामिल रहे सकें, लिहाज़ा उन्होंने अपने विधायकों से कोई यात्रा न करने और उनके वापस लौटने तक पटना में ही रहने को कहा है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने राज्य में विपक्षी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश पर बीजेपी की लार टपक रही है. वह महागठबंधन में दरार डालकर सत्ता में वापस आने की राह देख रही है लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश से बातचीत होती रहती है और सत्तारूढ़ महागठबंधन में कोई मतभेद नहीं है.