उत्तर पुस्तिका पर बार कोड की ऐसी गड़बड़ी हुई कि एक ही छात्रा को एक विषय में तीन तरह का अंक दिया गया। मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2017 की छात्रा प्रियंका सिंह (रोल कोड 41047 रोल नंबर 1700124) के बार कोड में गड़बड़ी होने से उसके साइंस विषय में तीन बार अंकों में बदलाव हुआ।
परीक्षा होने के बाद प्रियंका के साइंस विषय की उत्तर पुस्तिका की जांच हुई तो उसे सात अंक दिए गए। जब रिजल्ट घोषित हुआ और प्रियंका सिंह ने बोर्ड की वेबसाइट से रिजल्ट निकाला तो उसे थ्योरी पेपर में 80 में 29 अंक मिले थे। स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया तो उसे सात अंक ही मिले और बोर्ड ने नो चेंज लिख दिया। बाद में जब हाईकोर्ट के आदेश पर प्रियंका को उसकी उत्तर पुस्तिका मिली तो उस पर 80 में 80 अंक दिए गए थे। इस तरह एक ही छात्रा को 7, 29 और फिर अंत में 80 अंक साइंस विषय में मिले।
दो उत्तर पुस्तिका पर एक ही बार कोड
मैट्रिक की परीक्षार्थी प्रियंका सिंह के मामले में जांच में गड़बड़ी सामने आई
जांच समिति के अनुसार एक ही बार कोड होने से रिजल्ट मे हुई गड़बड़ी
शिक्षक ने दिए थे 80 अंक
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति सूत्रों की मानें तो प्रियंका सिंह की उत्तर पुस्तिका में 80 में 80 अंक शिक्षक ने दिए थे, लेकिन अवार्ड शीट बदल जाने के कारण उसमें केवल सात अंक ही आए थे।
ऐसे मिले साइंस पर तीन जगहों पर अंक
7 अंक दिए गए थे उत्तर पुस्तिका पर
29 अंक मिले थ्योरी के कुल 80 में से जो कि बोर्ड की वेबसाइट पर दिया गया
80 अंक साइंस विषय में मिले प्रियंका की मूल उत्तर पुस्तिका पर
एक ही बार कोड लग गया दो उत्तर पुस्तिकाओं पर
समिति ने हर उत्तर पुस्तिका के लिए अलग-अलग बार कोड निर्धारित किया था। हर उत्तर पुस्तिका के लिए एक बार कोड था। समिति द्वारा बनायी गयी जांच समिति के सदस्य अर्जुन कुमार के अनुसार प्रियंका सिंह के दो विषय संस्कृत और विज्ञान पर जो बार कोड बिहार बोर्ड ने आवंटित किये थे, वही बार कोड (संस्कृत का 208868922 , विज्ञान का 206964520) दूसरी छात्रा संतुष्टि कुमारी के संस्कृत और साइंस विषय पर भी था। उत्तर पुस्तिका की जांच राज्य संपोषित बालिका उच्च विद्यालय, बेतिया के मूल्यांकन केंद्र पर हुई थी। जांच समिति के अनुसार एक ही बार कोड होने के कारण रिजल्ट मे गड़बड़ी हुई है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा, ‘बार कोड चिपकाने में जिसने भी गलती की है, उसपर कार्रवाई की जाएगी। समिति ने 16 सितंबर को ही इसके लिए जांच कमेटी बनायी थी। जांच के बाद छात्रा को सही रिजल्ट दिया गया है।’
मैट्रिक की परीक्षार्थी प्रियंका सिंह के मामले में जांच में गड़बड़ी सामने आई
जांच समिति के अनुसार एक ही बार कोड होने से रिजल्ट मे हुई गड़बड़ी
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