बेहद चर्चित इस कानून में मकान मालिक इन कारणों से किरायेदार को बेदल कर सकता है-
- यदि किरायेदार 4 मास या उससे अधिक समय तक मकान का किराया न दें। इस किराये के भुगतान के लिए उसे एक मास का नोटिस दिया गया हो। इस पर भी किरायेदार ने किराया न दिया हो लेकिन सेना के जवान जो किसी युद्व में शहीद हो गये हो उनके परिवार के लिए एक वर्ष तक की छूट है।
- जो किरायेदार जानबूझ कर मकान को नुकसान पहुंचता है उसे भी मालिक बेदखल कर सकता है।
- जो किरायेदार मालिक मकान की बिना अनुमति के मकान में कोई तोड़फाड़ करता है या उसके मूल रूप में कोई परिवर्तन करें तो भी मालिक उसे बेदखल कर सकता है।
- जो किरायेदार मकान का उपयोग उस काम के लिए नहीं करता जैसा उसने किरायेनामें में लिखकर दे रखा हो तथा किसी अन्य काम के लिए करता हो तो भी मकान मालिक उसे बेदखल कर सकता है।
- जो किरायेदार मकान मालिक को मालिकाना अधिकार चुनौती दे तो भी मकान से बेदखल किया जा सकता है जब मालिक मकान किरायेदार पर मकान खाली करने का मुकदमा करेगा तो।
- किरायेदार उस समय तक उस मुकदमें को लडने का अधिकार नहीं रखता जब तक कि वह किरायेदार की बाकी धनराशि अदालत में जमा न करा दें।
- जो किरायेदार किराया नहीं देते और मालिक उन पर मुकदमा कर देता है तो किरायेदार को बेदखली के केस में पहली पेशी पर बाकी का किराया (यदि कोई हो), कोई नुकसान का मुआवजा, मुकदमें का खर्च व 10 प्रतिशत ब्याज अदालत में जमा करना होगा या मकान मालिक को बिना किसी शर्त के अदा कर दें तो इस हालत में अदालत बेदखल के दावें को खारिज कर सकती है।
- जिस किरायेदार ने उसी शहर के अन्दर अपना मकान बना लिया हैं तो वह कानूनी तौर पर मकान के बेदखल हो सकता है।
10 comments