लखनऊ: विधानसभा का जीएसटी पर सोमवार को शुरू हुए सत्र के पहले दिन झांसी के गरौठा विधानसभा क्षेत्र से जीते भाजपा के विधायक जवाहर लाल राजपूत विधानसभा के पास से बैलगाड़ी में बैठकर आए और गेट नंबर एक के पास जाकर बैलगाड़ी रूकवाई इसके बाद वह विधानसभा के सत्र में भाग लेने के लिए चले गए।
जवाहर लाल राजपूत ने कहा कि वह बैलगाड़ी से इसलिए आए जिससे जनता में यह संदेश जाए कि भाजपा किसानों की पार्टी है। भाजपा में किसानों का दर्द है और वह किसानों को भूली नहीं है।
इस बार विधानसभा का चुनाव जीते जवाहर लाल के पास करोड़ों की सम्पत्ति है और एक लक्जरी कार भी है। वह अलग दिखने के लिए विधानसभा के पास तक कार से आए उसके बाद बैलगाड़ी से विधानसभा के गेट तक आए जिससे जनता को यह संदेश दे ंसके कि वह किसानों के साथ है। वह अन्य विधायकेा से अलग दिखने के लिए बैलगाड़ी से सदन तक आए। इसके पहले सत्तर के दशक में पेट्रोल वृद्धि के विरोध में तत्कालीन लोक सभा नेता प्रतिपक्ष रहे अटल बिहारी वाजपेयी बैलगाड़ी से सदन में पहुंचे थे। अटल की परम्परा को जवाहर े ने बढ़ाया। फर्क बस इतना था कि इस समय केंद्र और राज्य में राजग की सरकार ही हैं।
अखिलेश से नंबर बढ़वाने के लिए विधायकों ने क्या क्या नहीं किया—-
– सदन में सीटी बजाकर विधायक राजेश यादव ने किया विरोध
– इरफान सोलंकी ने ईटा बाल की तरह राज्यपाल पर कागज के गोले फेंके
-आधे घंटे के तीव्र विरोध के बीच राज्यपाल ने पढ़ा पूरा अभिभाषण
लखनऊ। सत्रहवीं विधानसभा में भाजपा के सत्ता में आने के बाद विपक्ष मे बैठी समाजवादी पार्टी के विधायकों ने अलग अलग तरीकों से विरोध की नीति अपनायी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार के अभिभाषण का विरोध करने का निर्णय लिया था जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहते थे कि सपा राज्यपाल के अभिभाषण को शांति से सुने। इससे जनता मे अच्छा संदेश जाएगा। यह राय अखिलेश को अच्छी नहीं लगी
सदन शुरू होने के पहले पूर्व मंुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की सीट पर जाकर बैठे। विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष के लिए वेल में कुर्सियां लगायी गयी थी। अखिलेश यादव ने विधायकांें से कहा था कि देखना है कि कौन कितना चिल्ला सकता है। इसके बाद समाजवादी पार्टी फ्री स्टाइल विरोध करने के लिए तैयारी कर रहे थे। सदन मे विधायक राजेश यादव ने लाल रंग की लोहिया वाहिनी की टोपी पहनी और राज्यपाल के अभिभाषण शुरू होने के बाद सीटी सीट पर खड़े होकर जोर जोर से बजानेे लगे। यह सीटी पुलिस वाले परेड में आने के लिए बजाते हैं। सीटी बजाने वाली घटना पहली बार विधान सभा में हुई जिसके बाद राजेश यादव सदन का केद्र बिदुं रहे। वह बीस मिनट से अधिक समय तक सीटी बजाते रहे। इसी तरह इरफान सोलंकी ने क्रिकेट की बालिग और बैडमिन्टन की तरह कागज के गोलों से सीधे राज्यपाल पर निशाना लगाया। उन्होने भी अखिलेश यादव को दिखाने के लिए सीट पर चढ़कर लगातार कागज के गोले फेंके उसके बाद बैनर के फ्लैक्स कपड़े को फाड़कर गोले बनाकर सीधे राज्यपाल पर निशाना लगाते रहे। इन्होने कभी ईटा बाल फेंकी और कभी गेंद तड़ी स्टाइल पर कागज और कपडे के गोले फेंके। इसी तरह कुछ विधायक जीएसीटी बिल और एजेण्डे के राकेट और हवाई जहाज बनाकर फेकंते देखे गए। अखिलेश यादव के पीछे साए की तरह रहने वाले राजेंद्र चैधरी भी अखिलेश की सीट के पास खड़े होकर उन्हे सलाह देते रहे। सपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और विरोध दर्ज किया। इस सब के बीच राज्यपाल ने आधे घंटे के तीव्र विरोध के बीच राज्यपाल ने पूरा भाषण पढ़ा और भारत माता की जय और जयहिंद के नारे भ्ीा पूरे सदन से लगवाए।
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