देहरादून: कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मनीष कर्णवाल ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा को पेश किए गए बजट कोघोर निराशावादी है। भाजपा सरकार के पास पलायन रोकने व बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के संबंध में कोई योजना नहीं है।
प्रदेश प्रवक्ता मनीष कर्णवाल ने भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस शासन में वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल 39912 करोड़ की राजस्व प्राप्तियां थी, जो कि अब भाजपा शासन में चालू वित्तीय वर्ष में मात्रा 39856 करोड़ की राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है। इस हिसाब से गत वर्ष की अपेक्षा 55.88 करोड़ का कम राजस्व प्राप्त होगा। इसके बावजूद सरकार लोक लुभावनी योजनाओं के जरिए जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। कर्णवाल ने कहा कि भाजपा सरकार के पास कोई नई जनकल्याणकारी नई योजना नहीं है। वित्त मंत्राी के बजट भाषण के अंश बता रहे हैं कि अध्किांश योजनाएं पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार की ही हैं जो जनप्रिय होने के कारण आगे बढ़ेंगी। पलायन रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में आवासीय विद्यालयों व छात्रावासों की स्थापना का संकल्प कांग्रेस शासन का ही था। कांग्रेस सरकार ने ही मेधवी छात्रा-छात्राओं को निःशुल्क लैपटाॅप व स्मार्ट फोन वितरित करने की योजना शुरू की थी। जिसे भाजपा सरकार ने आगे बढ़ाया है। उनका यह भी कहना है कि दूरस्थ दुर्गम क्षेत्रों के रोगियों व घायलों के लिए एयर एंबुलेंस का विचार भी कांग्रेस सरकार का था, जो आगे बढ़ रहा था, लेकिन इस बीच सरकार बदल गई। उन्होंने दावे से कहा कि रिवर राफ्रिटंग को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पहले ही करमुक्त कर दिया था। अब भाजपा सरकार बजट भाषण में उसका श्रेय लेना चाहती है।
कर्णवाल ने कहा कि राज्य में नए बस अड्डों की स्थापना के लिए कांग्रेस सरकार ने पहले ही काम आगे बढ़ा दिया था। रुद्रपुर व हल्द्वानी में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास के निर्माण की योजना पर काम कांग्रेस शासन में शुरू हो गया था। वाहनों के पंजीयन की आॅनलाइन प्रक्रिया भी कांग्रेस शासन के दौरान ही उपजी थी। मदरसों के आधुनिकीकरण का विचार कांग्रेस सरकार का ही था। कांग्रेस ने बेरोजगार युवाओं को कौशल संपन्न बनाने के साथ उन्हें अध्कि से अध्कि रोजगार उपलब्ध कराने का वादा किया था, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार केवल प्रशिक्षण के जुमले के अलावा बजट में युवाओं को कुछ भी नहीं दे पाई है। इस प्रकार भाजपा सरकार का बजट समाज के सभी वर्गों के लिए घोर निराशाजनक है। इससे उत्तराखण्ड में न तो पर्यटन, उद्यान, कृषि, उद्योग आदि क्षेत्रों में तरक्की की उम्मीद है, वहीं बेरोजगारों की लंबी फौज को उन्नति के रास्ते पर आगे बढ़ने की कोई योजना दिखाई दी है।