नई दिल्ली: हजारों बुजुर्गो को अपने बॉयोमेट्रिक रिकॉर्ड से मिलान नहीं हो पाने के कारण पेंशन मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा के एक सांसद ने लोकसभा में शुक्रवार को यह बात कही।
बिहार के औरंगाबाद से सांसद सुशील कुमार सिंह ने साथ ही लोगों की 190 करोड़ रुपए की एलपीजी सब्सिडी के दूरसंचार कंपनी एयरटेल के खाते में स्थानांतरित किए जाने की धोखाधड़ी का उल्लेख किया और दोषियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की।
सिंह ने कहा, “बीते एक साल से बुजुर्गो को पेंशन नहीं मिल रहा है, क्योंकि उनके अंगूठे का निशान व रेटिना स्कैन का मिलान नहीं हो पाता है।”
उन्होंने कहा कि उनकी मां अपने अंगुलियों के निशान के मिलान नहीं हो पाने से अपने नाम से एक सिम कार्ड भी प्राप्त नहीं कर सकी हैं।
एयरटेल के मामले का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “यह एक आपराधिक कृत्य है कि किसी का धन बिना उसकी इजाजत के दूसरे खातों में स्थानांतरित किया जा रहा है। हालांकि पेट्रोलियम मंत्रालय ने कार्रवाई की है, लेकिन दोषियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई होनी चाहिए।”
सांसद ने केंद्र से समस्या का हल निकालने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “सरकार को इस मुद्दे का हल करने के लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए।”
बड़ी संख्या में एलपीजी उपभोक्ताओं ने अपनी एलपीजी सब्सिडी के अपने पहले के बैंक खाते में नहीं पहुंचने की शिकायत की थी। जांच में पता चला है कि ये शिकायतें एयरटेल उपभोक्ताओं से जुड़ी थीं, जिन्होंने एयरटेल पेमेंट बैंक में खाते खोले थे।
रपट के अनुसार, एयरटेल ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) को 190 करोड़ रुपए, ब्याज सहित उपभोक्ताओं के मूल बैंक खातों में वापस करने का वादा किया है, जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) से जुड़े हैं।
–आईएएनएस
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