नई दिल्ली: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कृषि में समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन अनुसंधान एवं शिक्षा का शीर्ष निकाय है। परिषद पूरे देश भर में स्थित अनुसंधान संस्थानों में अपने अनुसंधान कार्यकलापों की निरंतर समीक्षा कर रही है और ग्रामीण लोगों की निर्धनता को कम करने तथा समग्र कृषि विकास को तेज करने के लिए दीर्घकालिक विकास कार्यनीति तैयार कर रही है। ये कार्यकलाप सभी संस्थानों में तैनात वैज्ञानिक श्रेणी के कार्मिकों सहित सभी कर्मियों द्वारा किए जाते हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअप) के वैज्ञानिक कार्मिकों के लिए अंतर-संस्थान स्थानांतरण के लिए प्रावधान विद्यमान हैं; और स्थानांतरण को विनियमित करने के लिए दिशा-निर्देश 17 नवम्बर, 1980 को बनाए गए थे। तत्पश्चात, वैज्ञानिक कार्मिकों से संबंधित स्थानांतरण नीति के कार्यान्वयन में सहायता के लिए किए गए संशोधनों को शामिल करने हेतु इन दिशा-निर्देशों में आंशिक संशोधन किए गए थे।
वैज्ञानिक कार्मिकों के स्थानांतरण के दिशा-निर्देशों की समीक्षा तथा लागू स्थानांतरण दिशा-निर्देशों में शामिल विभिन्न पैरामीटर को स्पष्ट करने की पहल की गई तथा इसमें पुराने स्थानांतरण दिशा-निर्देशों में शामिल अस्पष्टता को समाप्त करने और कार्मिकों के स्थानांतरण संबंधी भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मौजूदा प्रावधानों को इसमें शामिल करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया। इस बीच, स्थानांतरण नीति के कार्यान्वयन में शामिल तेजी से निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और सहायता के लिए, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एवं अध्यक्ष, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के आदेश पर भाकृअप में ऑन-लाइन स्थानांतरण आवेदन माड्यूल कार्यान्वित करने की परिकल्पना की गई थी।
स्थानांतरणों के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और तेजी लाने के लिए ऑन लाइन माड्यूल के कार्यान्वयन की परिकल्पना की गई थी; और तदनुसार, अंतर-संस्थान स्थानांतरण को विनियमित करने के लिए संशोधित दिशा-निर्देश तैयार किए गए थे जिनमें उन क्षेत्रों के वर्गीकरण पर विशिष्ट पैरामीटर शामिल थे, जिनमें संस्थान स्थित थे और वैज्ञानिकों के अंतर-संस्थान स्थानांतरण के प्रावधान का उपयोग करने के लिए तैनाती के कार्यकाल से संबंधित विशिष्ट पैरामीटर थे, इन दिशा-निर्देशों में विभिन्न पैरामीटरों को उचित महत्व दिया गया है जिससे तब निर्णय लेने में सहायता मिलेगी जब उस वैज्ञानिक द्वारा ऑन-लाइन कार्यान्वयन किया जाएगा जो इस प्रावधान का उपयोग करना चाहता है। ऑन-लाइन मोड के प्रभावकारी कार्यान्वयन के लिए, दुर्गम क्षेत्रों और अन्य स्थानों में स्थित संस्थानों के लिए प्रचालन प्रक्रिया को उपयोगकर्ता के अनुरूप पहुंच और कार्यान्वयन योग्यता पर फोकस के साथ विशेष रूप से परिभाषित किया गया था।
वर्कफ्लो आधारित स्थानांतरण आवेदन माड्यूल में इस प्रयोजन के लिए विकसित स्थानांतरण चक्र के 5 प्रकार शामिल हैं और भाकृअप कार्मिक प्रबंधन सूचना प्रणाली के ऑन-लाइन माड्यूल के माध्यम से सुलभ है जो विकसित की गई है और पूरी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में कार्यान्वित की गई है। यह प्रणाली एप्लीकेशन लेयर और डेटा बेस के रूप में MS SQL सर्वर के लिए नेट प्रौद्योगिकी को उपयोग करते हुए वेब विकास के एन-टियर आर्किटेक्चर का उपयोग करके डिजाइन की गई थी। यह प्रणाली http://pms.icar.gov.in पर उपलब्ध है। इसमें तैनाती के स्थान और तैनाती के वर्तमान स्थान पर अवधि पर निर्भर करते हुए स्थानांतरण चक्र शामिल हैं। स्थानांतरण माड्यूल का केवल एक क्लिक से भली-भांति प्रबंधन किया जाता है जिससे स्थानांतरण के लिए आवदेन हेतु स्टार्ट और इंड तारीख को दर्शाते हुए पोर्टल के होम पेज पर अधिसूचना स्वमेव आरंभ हो जाती है। पूरी स्थानांतरण प्रणाली उस वर्तमान प्रक्रिया स्थानांतरण चक्र के अनुसार कार्य करेगी जिसमें संबंधित स्थानांतरण चक्र में किसी संस्थान के वैज्ञानिक की अवधि से स्थानांतरण के लिए विकल्प का उपयोग किया जा सकता है। सक्रिय स्थानांतरण चक्र के दौरान वास्तविक-काल स्थिति को मॉनीटर करने के लिए लाइव मॉनीटरिंग प्रणाली शामिल की गई है।
ऑन-लाइन स्थानांतरण आवेदन माड्यूल से अद्यतन संकल्पना को लागू करने और विभिन्न संस्थानों में विभिन्न विषयों में वैज्ञानिकों की संवर्ग संख्या असंतुलनों को दूर करने के लिए वैज्ञानिक कार्मिकों के प्रबंधन में गति में तेजी लाए जाने की आशा है, और उपयुक्त क्षेत्रों में वैज्ञानिकों के उनुभव का उपयोग किए जाने की आशा है। माड्यूल के प्रचालन के दौरान जब कभी मामले उठेंगे, उनका समाधान करने हेतु आगे और संशोधन शामिल करने के लिए इस स्थानांतरण माड्यूल की निरंतर समीक्षा की जाएगी। इस नीति से काम करने से कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी।