नई दिल्ली: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा देश में पहली बार कृषि ज्ञान प्रबंध का रोडमैप तैयार करने हेतु राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन 27-28 सितम्बर को किया गया। इस कार्यशाला में देश भर से 300 से अधिक प्रमुख कृषि वैज्ञानिकों एवं सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के प्रतिभागी के रूप में हिस्सा ले रहे है।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश की 58 प्रतिशत आबादी आज भी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। उद्योगों एवं सेवा क्षेत्र में हो रही प्रगति के बावजूद कृषि क्षेत्र को ही शीर्ष रोजगार दाता का स्थान प्राप्त है। देश की कृषि में लघु एवं सीमांत किसानों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। परंपरागत कृषि एवं निम्न उत्पादकता के कारण ये कड़ी मशक्कत के बावजूद अधिक उपज हासिल नहीं कर पाते हैं। आधुनिक एवं वैज्ञानिक कृषि प्रणालियों से संबंधित जानकारियों के अभाव में प्रायः यह स्थिति देश के समूचे कृषि क्षेत्र में निरंतर बनी हुई है।
श्री सिंह ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के नेतृत्व में देश भर में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा का विशाल नेटवर्क आज अस्तित्व में है। इसके अंतर्गत 102 से अधिक कृषि अनुसंधान संस्थान, 73 केन्द्रीय एवं राज्य कृषि विष्वविद्यालय तथा 690 से अधिक कृषि विज्ञान केन्द्र कार्यरत हैं। इनमें नित रोजाना कृषि एवं सम्बद्ध विषयों से संबंधित अनुसंधानों से उन्नत कृषि तकनीकों, अधिक उपज देने वाली फसलों एवं उत्पादक पशुओं का विकास तथा अन्य कार्यकलाप किए जा रहे हैं। इस अनुसंधान नेटवर्क द्वारा तीव्र गति से कृषि उपयोगी जानकारियों एवं सूचनाओं का सृजन हो रहा है। देश में कृषि सूचनाओं के प्रसार-प्रचार से संबंधित तंत्रों के अलग-अलग स्तरों पर काम करने तथा सीधे किसानों तक पहुंच बनाने में अधिक सफल नहीं होने के कारण अधिकांश किसानोपयोगी अनुसंधान परिणामों को ग्रामीण स्तर तक पहुंचने में लम्बा समय लग जाता है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर ऐसी उपयोगी जानकारियां कम से कम समय में कृषक समुदाय तक पहुंचाने हेतु कई पहल हाल के समय में की गई हैं। इनमें फार्मर पोर्टल, किसान कॉल सेंटर, फसल बीमा पोर्टल, राइस एक्सपर्ट ऐप, काजरी कृषि ऐप, पूसा कृषि ऐप, एग्रो कलेक्ट-कृषि ज्ञान ऐप, ई-नाम पोर्टल आदि का खासतौर पर उल्लेख किया जा सकता है।
भाकृअनुप-कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय, नई दिल्ली द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय विशिष्ट कार्यशाला को चार सत्रों में विभाजित किया गया है, जिनमें कृषि ज्ञान प्रबंध की वर्तमान स्थिति, उच्च कृषि लाभ हेतु डेटा प्रबंधन एवं सूचना भंडारण, ज्ञान प्रबंधन में मीडिया की भूमिका तथा कृषि ज्ञान प्रबंध के ढांचे में बदलाव आदि विषयों पर कृषि वैज्ञानिकों और आईटी एक्सपर्ट्स द्वारा विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
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