नयी दिल्ली: गोवा स्थित भारतीय नौसेना युद्ध कॉलेज द्वारा विदेशी मित्र देशों के नौसेना अधिकारियों के लिए दूसरे अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सोमवार सुबह गोवा विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रोफेसर वरुण साहनी ने इस पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया। अपने उद्घाटन संबोधन में राष्ट्र निर्माण के लिए समुद्री सुरक्षा के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि तेज़ी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में हिन्द महासागर के अंतर्गत आने वाली नौसेनाओं के बीच मज़बूत रिश्ते और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में एक कुशल एवं सुरक्षित व्यवस्था विकसित करना वर्तमान समय की ज़रूरत है।
उच्चस्तरीय सैन्य शिक्षा आयोजित करने की दिशा में गोवा स्थित नौसेना युद्ध कॉलेज भारतीय नौसेना का प्रतिष्ठित संस्थान है। यह संस्थान भारतीय सशस्त्र बलों के तीन युद्ध कॉलेजों में से एक है। इस अवसर पर रियर एडमिरल मोन्टी खन्ना, एवीएसएम, एनएम कमांडेंट ने बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, श्रीलंका और इंडोनेशिया से आए अधिकारियों सहित अन्य प्रतिभागियों का स्वागत किया।
मित्रता को और घनिष्ठ बनाने एवं क्षेत्रीय समुद्री राष्ट्रों के बीच आम सहमति बनाने के उद्देश्य से इस पाठ्यक्रम में व्यापक क्षेत्र समाहित किए गए हैं। पाठ्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को अंतरराष्ट्रीय संबंध सिद्धांत, भू-राजनीति, समुद्री सुरक्षा एवं रणनीति की अवधारणा, अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून और महासागर प्रबंधन कानूनों के अलावा अन्य विषयों से रूबरू कराया जाता है।
आठ सप्ताह के इस पाठ्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को विभिन्न विषय विशेषज्ञों और प्रख्यात वक्ताओं द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाएंगी। इस दौरान प्रतिभागियों को भारतीय नौसेना के परिचालन और प्रशिक्षण संबंधी स्थानों का दौरा भी कराया जाएगा ताकि वे उससे परिचित हो सकें। इसके अतिरिक्त, पाठ्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को मानवीय सहायता और आपदा राहत सहित क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर व्यावहारिक अभ्यास से भी गुजरना पड़ता है।