सेन डिएगो में 19 से 22 जून, 2017 तक जैव प्रौद्योगिकी नवाचार संगठन (बीआईओ) द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल बीआईओ में भाग ले रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत श्री चौधरी ने कैलिफोर्निया सेन डिएगो विश्वविद्यालय परिसर में 19 जून को जैकब स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग का दौरा किया और भारतीय छात्रों तथा स्थानीय प्राध्यापकों से बात की।
श्री चौधरी का स्वागत करते हुए जैकब स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के डीन डॉ. एलबर्ट पिसानो ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. पिसानो ने भारतीय शिक्षा या शोध के क्षेत्र में वैज्ञानिक प्रगति को उजागर किया और देश में फैली संक्रामक बिमारियों के निदान के लिए चिप डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला के विकास की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि यूसीएसडी की स्टैम सेल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपनी काबिलियत है और यह मातृत्व स्वास्थ्य और जराचिकित्सा सहयोग का संभावित क्षेत्र हो सकता है।
श्री चौधरी ने अपने संबोधन में विभिन्न पहलुओं की चर्चा की जो अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ने में सहायक हो सकते हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वह भविष्य में संभावित विकास के क्षेत्रों में स्टार्ट-अप शुरू करें। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के पास रामलिंगस्वामी फेलोशिप ; डीएसटी इंस्पायर, डीबीटी-वेलकम ट्रस्ट फेलोशिप और आईवाईबीए जैसी अनेक प्रतिष्ठित योजनाएं हैं, जिससे विदेश में कार्यरत उन भारतीय अनुसंधानकर्ताओं को एक बार फिर भारत में प्रवेश का अवसर मिलेगा जो देश में पोस्ट डॉक्टोरल अनुसंधान करना चाहते हैं। उन्होंने जोर दिया कि छात्रों और अनुसंधानकर्ताओँ के लिए कोई विशेष कार्यक्रम शुरू करने के लिए सुझावों का स्वागत है।
बीआईओ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन जैव प्रौद्योगिकी उद्योग का सबसे बड़ा वैश्विक कार्यक्रम है और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़े नामों को आकर्षित करता है।
बीआईओ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी जैव प्रौद्योगिकी नवाचार संगठन द्वारा की जाती है। बीआईओ 1,100 जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों, अमेरिका और 30 से अधिक अन्य देशों में राज्य जैव प्रौद्योगिकी केन्द्रों और संबंधित संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है। बीआईओ सदस्य नवाचार स्वास्थ्य सेवा, कृषि, औद्योगिक और पर्यावरण संबंधी जैव प्रौद्योगिकी उत्पादों के अनुसंधान और विकास में लगे हैं।