लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमण्डल का सुदूर पूर्व रूस के व्लादिवोस्तोक का दौरा अत्यन्त सफल रहा है। यह दौरा सुदूर पूर्व रूस में निवेश और निर्यात संवर्धन के उद्देश्य से किया गया था। दौरे के दौरान कई एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित हुए तथा निर्यात संवर्धन पर भी सहमति बनी। उन्होंने कहा कि भारत और रूस पारस्परिक हितों के संवर्धन में सहायक हो सकते हैं। आगामी सितम्बर माह में व्लादिवोस्तोक में होने वाली ‘पूर्वी आर्थिक फोरम’ की बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री जी की इस यात्रा से भारत-रूस सम्बन्ध नई ऊंचाइयां प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर भारतीय प्रतिनिधिमण्डल के सुदूर पूर्व रूस दौरे के सम्बन्ध में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दौरे के दौरान 07 जी टू जी (गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट) एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित हुए हैं। साथ ही, कई बी टू बी (बिज़नेस टू बिज़नेस) समझौते भी सम्पन्न हुए हैं।
सम्पादित समझौतों में उत्तर प्रदेश तथा सुदूर पूर्वी रूस के ज़बाइकल्सकी क्राई क्षेत्र के मध्य कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के सम्बन्ध में एम0ओ0यू0, एकेडमिक एवं सांस्कृतिक आदान प्रदान बढ़ाने के उद्देश्य से एमिटी यूनीवर्सिटी तथा रूस की फाॅर ईस्ट फेडरल यूनीवर्सिटी के बीच एम0ओ0यू0, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन और फाॅर ईस्ट इन्वेस्टमेंट एजेंसी के बीच एम0ओ0यू0, सेण्टर फाॅर योग स्थापित करने के सम्बन्ध में समझौता प्रमुख हैं। इसके अलावा, कुछ कम्पनियों की रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र में निवेश एवं निर्यात के सम्बन्ध में सहमति भी बनी है। इनमें एलाना सन्स का खाद्य एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में तथा एमप्लस एनर्जी साॅल्यूशन प्रा0 लि0 का नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एम0ओ0यू0 उल्लेखनीय हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुदूर पूर्व रूस की यात्रा पर गये प्रतिनिधिमण्डल में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, हरियाणा, गोवा और गुजरात के मुख्यमंत्री सहित वे स्वयं (मुख्यमंत्री जी) सम्मिलित थे। इसके अलावा, प्रतिनिधिमण्डल में 145 कारोबारियों और अधिकारियों सहित लगभग 190 सदस्य थे। दुनिया के किसी देश में निवेश और निर्यात संवर्धन के उद्देश्य से गया यह देश का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमण्डल था। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमण्डल से रूस के लगभग 200 उद्यमियों ने व्यापार व निवेश के सम्बन्ध में पारस्परिक चर्चा की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत और रूस के मध्य व्यापार की व्यापक सम्भावनाएं हैं। रूस भौगोलिक दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा देश है, किन्तु इसकी आबादी काफी कम, लगभग 15 करोड़ है। इसमें से भी अधिकतर आबादी रूस के पश्चिमी भाग में निवास करती है। रूस का पूर्वी क्षेत्र कुल क्षेत्रफल का लगभग 35 प्रतिशत है, जबकि यहां रूस की लगभग 5 प्रतिशत आबादी रहती है। इस क्षेत्र का जनसंख्या घनत्व एक व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से भी कम है। इस क्षेत्र में तेल, कोयला, टिम्बर जैसे प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इस क्षेत्र में लगभग 5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि कृषि योग्य है, मानव संसाधन और तकनीक के अभाव में जिसका उपयोग अभी तक नहीं हुआ है। अपनी तकनीकी क्षमता, विशेषज्ञता और मानव संसाधन के बल पर भारत इस क्षेत्र के विकास में बड़ी भूमिका निभा सकता है। यहां पर कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, टिम्बर, हेल्थ केयर, आॅयल, गैस, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में कार्य किया जा सकता है। मेकेनाइज्ड फार्मिंग के लिए सुदूर पूर्व रूस में प्रचुर संसाधन उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 5 वर्षाें में भारत दुनिया की उभरती हुई ताकत के रूप में सामने आया है। भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है। खाद्यान्न उत्पादन में भारत प्रथम स्थान पर है। खाद्य प्रसंस्करण, हीरा प्रसंस्करण आदि में भारत की विशेषज्ञता और रूस के संसाधनों का लाभ दोनों देश मिलकर उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि रूस के उद्यमियों को उत्तर प्रदेश डिफेंस काॅरिडोर में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया है। इस सम्बन्ध अलग से एक प्रतिनिधिमण्डल भेजने के लिए वार्ता का प्लेटफार्म तैयार किया गया है।