नई दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को अपनी छठी द्विमासिक नीतिगत समीक्षा बैठक में मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने रेपो दर को 7.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। रेपो दर वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी कम अवधि की जरूरतों को पूरी करने के लिए रिजर्व बैंक से ऋण लेते हैं।
रिवर्स रेपो दर को 6.75 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। रिवर्स रेपो दर वह ब्याज दर है, जो रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को उनकी जमा राशि पर देता है। आरबीआई ने 15 जनवरी को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी, जिसके बाद रेपो दर 8 प्रतिशत से घट कर 7.75 प्रतिशत हो गई थी।
हालांकि मंगलवार को आरबीआई ने वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में कटौती की है। एसएलआर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की गई है, जिसके बाद यह घट कर 21.5 प्रतिशत हो गई है। एसएलआर वह अनिवार्य राशि है, जिसे वाणिज्यिक बैंक ग्राहकों को ऋण देने से पहले सरकारी बांड या सोने के रूप में अपने पास रखने की जरूरत होती है।
नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को बिना किसी बदलाव के 4 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। आरबीआई का यह कदम उम्मीदों के मुताबिक ही रहा है, क्योंकि ज्यादातर विश्लेषकों ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का अनुमान जताया था। आरबीआई जनवरी में पहले ही ब्याज दरों में कटौती कर चुका था।
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